लुधियाना के पोहिर निवासी 40 वर्षीय विक्रम सिंह क्रिकेटर साथी राजा, पवन, प्रवीण और निर्मल के साथ मंगलवार शाम 7.18 बजे छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से रवाना हुए। बुधवार सुबह ट्रेन हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से आगे निकली, तभी विक्रम सिंह को घबराहट होने लगी और सांस लेने में तकलीफ हुई।
साथी राजा ने 4.58 बजे कंट्रोल रूम में 139 नंबर पर सूचना दी। राजा ने बताया कि वहां से मथुरा में चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराने को कहा गया। मथुरा से करीब 12 किमी पहले आंझई रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पहुंची तो ट्रैक क्लियर नहीं था।
करीब डेढ़ घंटे तक ट्रेन आंझई पर खड़ी रही। इस दौरान विक्रम की तबीयत बिगड़ती रही। उन्होंने दोबारा कंट्रोल रूम को फोन किया, लेकिन काल कनेक्ट नहीं हुई। कोच में टीटीई ने भी मथुरा में ही चिकित्सा उपलब्ध होने की बात कही।
छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस का मथुरा जंक्शन स्टेशन पर पहुंचने का समय सुबह 7.50 बजे है, लेकिन ट्रेन 8.10 बजे पहुंची। स्टेशन पर चिकित्सक ने विक्रम सिंह को मृत घोषित कर दिया।
यहां मिल सकती थी चिकित्सकीय सहायता

मथुरा से पहले छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस का बल्लभगढ़, पलवल, कोसी और छाता में भी ठहराव है। बुधवार सुबह यहां ट्रेन रुकी थी, लेकिन रेलवे ने क्रिकेटर को चिकित्सकीय सहायता देने की जरूरत नहीं समझी।
पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव का कहना है कि रेल मदद पोर्टल पर बताया गया था कि यात्री को सिरदर्द और घबराहट है। इसलिए मथुरा स्टेशन पर चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने को कहा गया था।
छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से टूर्नामेंट खेलने जा रहे थे ग्वालियर

सुपरफास्ट ट्रेन निकालने के लिए रोकी थी छत्तीसगढ़ मथुरा रेलवे स्टेशन को क्रिकेटर विक्रम सिंह की तबीयत खराब होने की जानकारी थी, लेकिन मथुरा स्टेशन से सुपरफास्ट ट्रेनों के लिए ट्रैक क्लियर किए गए। छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस सुपरफास्ट नहीं है। इस कारण इस ट्रेन को आंझई पर प्रतीक्षा करनी पड़ी।