एक्सिओम-4 मिशन को दूसरी बार टाला गया है
राकेश शर्मा 1984 में सोवियत संघ के सोयूज अंतरिक्षयान से अंतरिक्ष में गए थे
राकेश शर्मा 1984 में सोवियत संघ के सोयूज अंतरिक्षयान से अंतरिक्ष में गए थे। राकेश शर्मा भारत के पहले अंतरिक्षयात्री हैं। एक्सिओम-4 चालक दल के सदस्यों के आइएसएस में 14 दिन रहकर कई प्रयोग करेंगे। इस दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी उनसे बात कर सकते हैं।
भारत के लोगों के लिए यह मिशन एक मील का पत्थर है
शुभांशु ने कहा, भारत के लोगों के लिए यह मिशन एक मील का पत्थर है। मैं भारत से अनुरोध करता हूं कि वह इस मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना करे। जय हिंद। शुभांशु अंतरिक्ष उड़ान पर अपने साथ आम का रस, मूंग दाल का हलवा और गाजर का हलवा जैसे भारतीय व्यंजन ले जाएंगे।
आइएसएस पर शुभांशु के प्रयोग भविष्य के अभियानों के लिए महत्वपूर्ण
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र ¨सह ने मंगलवार को कहा कि शुभांशु आइएसएस पर कई वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे जो गगनयान परियोजना सहित भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि शुभांशु का अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष मिशन में शामिल होना भारतीयों के लिए गर्व की बात है।
राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय थे
जितेंद्र ने कहा, राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय थे, लेकिन यह सोवियत मिशन था, जिसमें प्रयोग करने की सीमित गुंजाइश थी, क्योंकि भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अपनी प्रारंभिक अवस्था में थी। हालांकि, आज स्थिति अलग है। ‘एक्सिओम-4’ मिशन के तहत आइएसएस पर चार सदस्यीय चालक दल द्वारा 60 प्रयोग किए जाएंगे। इनमें से सात प्रयोग इसरो द्वारा निर्धारित हैं।