पीठ ने कहा कि यह रेखांकित करने की आवश्यकता है कि कक्षा 12वीं की परीक्षा आयोजित करने वाले राष्ट्रीय और राज्य स्तर के सभी बोर्डों और काउंसलिंग निकायों के बीच उचित समन्वय होना चाहिए। किसी भी मामले में काउंसलिंग बाडी परिणाम की घोषणा में देरी के पहलू पर विचार कर सकती है।
अदालत ने एनआइओएस को निर्देश दिया कि वह 17 जून या इससे पहले कक्षा 12वीं के परिणाम की घोषणा शीघ्र करे, ताकि याचिकाकर्ता छात्रों और अन्य समान स्थिति वाले उम्मीदवारों को 19 जून को उपलब्ध एक दिन की विंडो पर संयुक्त प्रवेश परिषद (जेएसी) के साथ परामर्श के पंजीकरण के लिए कम से कम दो दिन का समय उपलब्ध हो सके।
पीठ ने कहा कि 19 जून को एक दिन की विंडो खुलने से पहले एनआइओएस द्वारा कक्षा 12 का परिणाम घोषित नहीं किया जाता है, तो जेएसी याचिकाकर्ता छात्रों को कक्षा 12 के परिणाम पर जोर दिए बिना 19 जून को उपलब्ध एक दिन की विंडो पर खुद को पंजीकृत करने की अनुमति देगा। हालांकि, याचिकाकर्ताओं को सीट आवंटन तभी किया जाएगा, जब वे दूसरे दौर के सीट आवंटन परिणाम की घोषणा से पहले कक्षा 12 का परिणाम प्रस्तुत करने में सक्षम होंगे।
साथ ही अदालत ने स्पष्ट किया कि यह आदेश मामले के विशिष्ट तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए पारित किया गया था और इसे मिसाल के तौर पर किसी अन्य मामले में उपयोग नहीं किया जा सकता। अदालत ने उक्त आदेश पांच छात्रों द्वारा दायर याचिकाओं पर विचार करने के बाद पारित किया।

7 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

याचिका में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित जेईई (मेन्स)-2025 को सफलतापूर्वक पास किया था। छात्र उनके परिणाम का इंतजार कर रहे थे। छात्रों का कहना था कि जेईई (मेन्स) में क्वालिफाइंग पर्सेंटाइल हासिल करने के बाद वे काउंसलिंग में भाग लेने के हकदार हैं। मामले में आगे की सुनवाई सात जुलाई को होगी।