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गोरखपुर
गांव के लोगों व किसानों की सुविधा के लिए गोरखपुर परिक्षेत्र के 51 ग्रामीण रूटों पर रोडवेज की 70 नई बसें चलाई जाएंगी। गोरखपुर परिक्षेत्र में पड़ने वाले गांव और कस्बे भी सीधे जिला मुख्यालयों से जुड़ जाएंगे। गांव के लोगों का आवागमन सुगम होगा।
परिवहन निगम ने ग्रामीण रूट तैयार कर शासन से नौ मीटर लंबी अधिकतम 40 सीटों वाली छोटी साधारण बसों की मांग की है। संभावना जताई जा रही है कि गोरखपुर परिक्षेत्र को जल्द छोटी बसें मिलनी शुरू हो जाएंगी। बसों के मिलते ही गांवों तक बसों का संचालन आरंभ हो जाएगा।
परिवहन निगम के बेड़े में लगभग 850 बसें हैं। उनमें रोडवेज के पास सभी 51 सीट वाली बड़ी बसें हैं। जबकि, गांव और कस्बों की सड़कें सिंगल लेन वाली हैं। बड़ी बसें इन सड़कों पर नहीं चल पाती हैं। परिवहन निगम चाहकर भी गांवों और छोटे कस्बों तक बसें नहीं चला पा रहा।
रोडवेज की बसें बड़े शहर से छोटे शहर के बीच ही चल पा रही हैं। गांव के लोगों को भी शहर पहुंचने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। प्राइवेट वाहन (जीप, टैक्सी आटो और बस आदि) मनमाना किराया वसूलते हैं, ऊपर से दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है। ऐसे में परिवहन निगम ने सिंगल लेन की सड़कों के लिए शासन ने छोटी बसों की मांग की है, ताकि वे सुगमता के साथ गांव और कस्बों तक पहुंच सकें।
गोरखपुर परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक लव कुमार सिंह बताते हैं कि ग्रामीण बस सेवा के अंतर्गत 51 रूटों का प्रस्ताव तैयार किया गया है। प्रस्तावित रूटों के लिए शासन से 70 छोटी नई बसों की मांग की गई है। बसों का रूट भी निर्धारित कर दिया गया है।
बसों के निर्बाध संचालन के लिए परिक्षेत्र में अनुकंपा के आधार पर लगभग 90 मृतक आश्रितों को परिचालकों के पद पर तैनाती सुनिश्चित कर ली गई है। संविदा पर चालकों की भर्ती भी की जा रही है। इसके लिए जगह-जगह कैंप लगाए जा रहे हैं। कैंप के माध्यम से संविदा चालकों की भर्ती की जा रही है।
गोरखपुर से इन कुछ प्रमुख रूटों पर चलेंगी छोटी बसें
- गोरखपुर-सिकरीगंज-गोला-बड़हलगंज
- गोरखपुर-पिपराइच-पडरौना
- गोरखपुर-कसया-पडरौना
- गोरखपुर-नौगढ़-बढ़नी
- गोरखपुर-परतावल-कप्तानगंज-तमकुही
- गोरखपुर-सोनौली-संबद्ध मार्ग