अलबतिया के शनि की मां छह साल पूर्व कलेक्ट्रेट से सेवानिवृत्त हुई हैं। वह चपरासी पद पर कार्यरत थीं। सवाल यह है कि रिकॉर्ड रूम में गोपनीय दस्तावेज होते हैं। ऐसी जगह पर निजी कर्मचारी का कार्य करना सुरक्षा के लिए खतरा है।

आठ कार्यरत थे कर्मचारी

कलेक्ट्रेट सभागार के ठीक सामने स्थित रिकॉर्ड रूम में 15 दिन पूर्व आठ निजी कर्मचारी कार्यरत थे। डीएम की हिदायत के बाद कर्मचारियों को हटा दिया गया था। शुक्रवार को शनि कश्यप को एक फाइल खोजने के लिए बुलाया गया था।

एडीएम न्यायिक हैं प्रभारी अधिकारी

रिकॉर्ड रूम के प्रभारी अधिकारी एडीएम न्यायिक धीरेंद्र कुमार हैं। रिकॉर्ड रूम प्रभारी उमेश सक्सेना हैं। पटवारी फंड का कार्य राजेंद्र सिंह देख रहे हैं।

होगी कार्रवाई

डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी का कहना है कि रिकॉर्ड रूम में निजी कर्मचारी शनि को पकड़ा गया है। आखिर किसके आदेश पर वह कार्य कर रहा था। इसकी जांच कराई जा रही है। जांच के बाद कार्रवाई होगी।