राजस्थान से सरकारी कर्मचारी गिरफ्तार
कौन है शकूर खान मंगलियार?
खुफिया सूत्रों ने मंगलियार और पाकिस्तान दूतावास के एक अधिकारी के बीच संभावित संबंधों का खुलासा किया है, जिससे ISI के साथ उसके संबंधों को पता चलता है। मंगलियार पिछली कांग्रेस की राज्य सरकार के दौरान कांग्रेस के एक पदाधिकारी के निजी सहायक के रूप में भी काम कर चुका है।
फोन से मिले पाकिस्तानी नंबर
पाकिस्तानी सीमा से सटे बड़ौदा गांव में मंगलिया की ढाणी के निवासी मंगलियार पर कई हफ्ते से निगरानी रखी जा रही थी। जांचकर्ताओं को उसके फोन से कई पाकिस्तानी नंबर भी मिले हैं और रिपोर्ट में कहा गया है कि वह विश्वसनीय गवाही नहीं दे सका। उसने हाल के सालों में कम से कम सात बार पाकिस्तान की यात्रा करने की बात स्वीकार की है, जिससे चिंताएं और बढ़ गई है।
मेवात से जासूस गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की एक स्पेशल सेल ने हरियाणा के मेवात से जासूसी के आरोप में कासिम नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि कासिम दो बार पाकिस्तान जा चुका है, जहां उसे बकायदा ट्रेनिंग भी दी गई थी।
कासिम पर क्या-क्या हैं आरोप?
- वह भारत में रहकर सेना से जुड़ी संवेदनशील और खुफिया जानकारी ISI को भेज रहा था।
- कासिम का भाई भी ISI एजेंट था, जो फिलहाल फरार है।
- कासिम 2 बार पाकिस्तान गया था और कुल तीन महीने तक पाकिस्तान में रुका था।
- कासिम ने पाकिस्तान में जासूसी की ट्रेनिंग ली थी।
- एक महीने तक ISI के हैंडलर्स और बड़े अफसरों ने कासिम को ट्रेंड किया था।
- कासिम मौलवी है और उसके लिंक्स जयपुर से भी जुड़े है।
- जांच में सामने आया है कि आरोपी कासिम ने भारत में कई लोगों को रेडिक्लाइज किया है, जिनकी तलाश जारी है।
- पुलिस के मुताबिक कासिम ने दिल्ली-एनसीआर में कुछ लोगों को सिम मुहैया करवाए थे, जिस सिम के जरिए वो PIO यानी पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव से जुड़ सकें और पाकिस्तान ISI के लिए जासूसी कर सकें।
महाराष्ट्र से जासूस गिरफ्तार
महाराष्ट्र ATS ने जासूसी के आरोप में रविंद्र मुरलीधर वर्मा नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (PIO) के संपर्क में था।
मुरलीधर पर क्या-क्या हैं आरोप?
- पुलिस के अनुसार गिरफ्तार आरोपी महाराष्ट्र के ठाणे के कलवा इलाके का रहने वाला है।
- महाराष्ट्र ATS की जांच में पता चला कि रविंद्र वर्मा नवंबर 2024 में फेसबुक के ज़रिए एक पाकिस्तानी खुफिया एजेंट के संपर्क में आया था।
- नवंबर 2024 से मई 2025 के बीच उसने व्हाट्सएप के माध्यम से वॉरशिप की डिफेक्ट लिस्ट जो कि गोपनीय और संवेदनशील क्षेत्रीय जानकारी है उससे जुड़ी जानकारी भेजी थी।
- रविंद्र मुरलीधर वर्मा एक निजी कंपनी के लिए काम करता था और इस कंपनी को नेवल डॉक कुछ वॉरशिप से जुड़े कामों को सबलेट किया करती थी।
- उसके पास प्रोहिबिटेड (प्रतिबंधित) इलाके में जाने का पास भी था जिसकी मदद से वो वहां भी जा सकता था।
- वर्मा के पास कुछ वॉरशिप की डिफेक्ट लिस्ट थी जिससे जुड़ी हुई जानकारी उसने साझा की।
- इसके अलावा वर्मा ने वॉरशिप से जुड़ी संवेदनशील जानकारी भी PIO को दी।