कावेरी प्रोजेक्ट लड़ाकू विमानों के लिए स्वदेशी तकनीक से जेट इंजन बनाने के लिए 1989 में कावेरी प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। फंड मिलने में देरी और तकनीकी चुनौतियों के कारण प्रोजेक्ट पिछड़ता रहा।
पहले तय किया गया था तेजस विमान में स्वदेशी कावेरी इंजन लगाया जाएगा, लेकिन क्षमता कम होने के कारण इसे तेजस प्रोग्राम से अलग कर दिया गया। अभी रूस में कावेरी इंजन का परीक्षण चल रहा है। फिलहाल इसे स्टेल्थ यूएवी में लगाने के लिए उपयुक्त माना जा रहा है। स्वदेशी जेट इंजन बनाने की जद्दोजहद अभी जारी है।

वायुसेना प्रमुख क्यों जता रहे हैं देरी पर चिंता

  • वायुसेना लंबे समय से लड़ाकू विमानों की कमी से जूझ रही है
  • 42 स्क्वाड्रन होने चाहिए, 31 स्क्वाड्रन रह गए घट कर
  • पिछले 25 वर्ष में खरीदे गए हैं सिर्फ 36 राफेल
  • चीन की वायुसेना तेजी से शामिल कर रही है पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान
  • पाकिस्तान को भी चीन से मिल रहे हैं उन्नत लड़ाकू विमान

भविष्य के संघर्ष में वायुसेना की होगी अहम भूमिका

हाल में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत पाकिस्तान के बीच हुआ संघर्ष काफी हद तक एक दूसरे के एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाने और हवाई श्रेष्ठता साबित करने से जुड़ा था। लड़ाकू विमानों ने अपने देश की सीमा में रहते हुए ही दूसरे देश में लक्ष्यों को निशाना बनाया। साफ है कि भविष्य में होने वाले संघर्ष में वायुसेना की भूमिका निर्णायक होगी।