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प्रतापगढ़
नौतपा के चलते आसमान से आग बरस रही है। इससे आम लोगों की दिनचर्या के साथ-साथ परिवहन निगम की आय पर भी असर पड़ा है। यात्रियों के बस में सफर न करने से रोजाना तीन लाख का नुकसान हो रहा है। मुख्यालय से निगम की आमदनी बढ़ाने पर जोर है। इसे लेकर कर्मचारी और अधिकारी तनाव में हैं। वह यात्रियों की संख्या बढ़ाने में जुटे हैं।
प्रतापगढ़ डिपो से रोजाना 78 बसों का संचालन होता है। इसमें 69 निगम की तो 19 अनुबंधित बसों को संचालित किया जा रहा है। डिपो से प्रयागराज रूट पर 26, अयोध्या मार्ग पर आठ, दिल्ली रूट पर छह, कानपुर पर आठ, लखनऊ रूट पर 10 बसाें का संचालन हो रहा है। इन दिनों नौतपा का कहर जारी है।
सुबह 11 बजे से ही आसमान से आग बरसने लगती है। इससे निगम की आय दिन पर दिन कम होती जा रही है। 15 मई के पहले रोजाना परिवहन निगम की 13 लाख रुपये आमदनी होती थी। अब यह आमदनी 10 लाख पर आ गई है। पहले रोजाना करीब 6,368 यात्री बस में सफर करते थे।
अब इनकी संख्या पांच हजार पर आ गई है। आमदनी कैसे बढ़े। इसे लेकर अधिकारी परिचालकों के साथ बैठक करके मंथन कर रहे हैं। सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक आरपी सिंह ने बताया कि सहालग के दौरान निगम की आमदनी बढ़ी थी, मगर नौतपा से आय घट गई है। यात्री कम निकल रहे हैं।
चालकों की कमी से जूझ रहा डिपो
प्रतापगढ़ डिपो पर चालकों के करीब 154 पद स्वीकृत हैं। इसमें से मौके पर करीब 127 चालक की ही तैनाती है। 27 चालकों की तैनाती न होने से कई बसों का संचालन ठप है।
खासकर प्रयागराज रूट, लखनऊ, बादशाहपुर समेत छह रूटों पर मांग के अनुरूप कम बसों का संचालन हो रहा है। चालकों की भर्ती की कवायद चल रही है, मगर अभी तक उनकी तैनाती नहीं हुई है। चालकों की तैनाती होने से निगम की आय में बढ़ोतरी तय है।