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बरेली
जिले में चोरी छिपे रह रहे बांग्लादेशी व रोहिंग्या को देश से निकालने के लिए पुलिस ने 15 दिन का अभियान शुरू किया।
बुधवार को पुलिस ने जिले के 88 स्थानों पर चेकिंग की और वहां रहने वाले 848 लोगों से पूछताछ की प्रारंभिक पूछताछ में 71 लोग ऐसे मिले जो संदिग्ध लगे लेकिन गहनता से पूछताछ के बाद उनकी बांग्लादेशी या रोहिंग्या होने की कोई पुष्टि नहीं हो सकी। जिसकी वजह से आगे की कोई कार्रवाई नहीं हुई।
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि 15 दिनों के लिए यह अभियान शुरू किया गया है। हर थाना क्षेत्र से एक-दो टीमें अपने थाना क्षेत्र में ऐसे लोगों की तलाश कर रही हैं। जो संदिग्ध है। उनका डाटा एकत्र किया जा रहा है, जिस व्यक्ति के बांग्लदेशी या रोहिंग्या होने की आशंका होगी उनका सत्यापन होगा।
सभी थाना क्षेत्रों की टीमें सुबह और शाम के समय में यह सत्यापन कर रही हैं। अभियान के दौरान मिलने वाले संदिग्ध लोगों को एक डेपोटेशन सेंटर में रखा जाएगा। वहां से उन्हें तभी निकाला जाएगा जब उनका सत्यापन पूरा होगा।
सत्यापन में यदि उनके बांग्लादेशी या रोहिंग्या होने की पुष्टि होती है तो उनका देश निकाला किया जाएगा। अभियान के तीसरे दिन जिले के सभी थाना क्षेत्र में कुल 88 स्थानों पर 848 लोगों से पूछताछ की गई। इसमें 71 लोग ऐसे मिले। जिन पर पुलिस को संदेह हुआ मगर जब इनकी गहनता से जांच की गई तो पुष्ट हुआ कि वह बांग्लादेशी या रोहिंग्या नहीं हैं।
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि अभी तक जिले में एक भी बांग्लादेश या रोहिंग्या होने की पुष्टि नहीं हुई है, हालांकि, यह अभियान 10 जून तक जारी रहेगा।