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दिल्ली
दिल्ली के होटल जालसाजों का नया ठिकाना बन गए हैं। ठगों ने पहाड़गंज के होटल में कमरा लेकर एक बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट कर उनसे 25 लाख रुपये की ठगी कर ली। आरोपितों ने पीड़ित से उनकी पत्नी के आभूषण तक बिकवा दिए थे।
इस मामले में दक्षिणी पश्चिमी जिले की साइबर थाना पुलिस ने तीन शातिर जालसाज छत्तीसगढ़ के रायपुर निवासी राहुल वर्मा, उत्तर प्रदेश के झांसी निवासी शांतनु रिचोरिया और सहारनपुर निवासी अर्जुन सिंह को गिरफ्तार किया है। ये जालसाज दिल्ली के अलग अलग होटलों में कमरा लेकर बुजुर्गाें से ठगी कर रहे थे।
एक पीड़ित से ठगी करने के बाद आरोपित दूसरे होटल में कमरा ले लेते थे, ताकि पुलिस इन तक न पहुंच सके। ये करीब 10 बुजुर्गाें से ठगी कर चुके हैं। पुलिस ने इनसे ठगी में इस्तेमाल आठ खातों को ट्रेस किया है। इन्होंने अपना वाट्सएप ग्रुप बना रखा था। इनके अन्य साथियों की गिरफ्तारी की बाद बाकी मामलों का पता चल सकेगा।
पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि ठगों से तीन मोबाइल, चार सिम कार्ड और डेबिट कार्ड बरामद किए हैं। पालम के राजनगर निवासी 71 वर्षीय महेंद्र जैन ने 10 अप्रैल को पुलिस को शिकायत दी थी कि बीती 21 मार्च को उनके वाट्सएप पर वीडियो काल आई। काल करने वाले ने खुद को नासिक पुलिस की अपराध शाखा का अधिकारी संजय बताया।
आरोपित ने कहा कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल धोखाधड़ी करके डेबिट कार्ड बनाने में किया गया है। साथ ही उनके कार्ड का इस्तेमाल एक बड़ी एयरलाइन कंपनी के मालिक द्वारा मनी लान्ड्रिंग के लिए किया जा रहा है। आरोपित ने पीड़ित को जेल भेजने की धमकी दी। फिर इस मामले से निकालने के एवज में पैसे मांगे। जालसाज के अन्य साथियों ने भी बुजुर्ग के पास काल की। फिर बुजुर्ग से करीब 25 लाख रुपये ठग लिये।
वहीं, आरोपितों के डर से पीड़ित ने अपनी पत्नी के आभूषण बेचकर भी उन्हें पैसे दिए। पैसे पेटीएम और आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर किए गए। पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर जांच करके पहाड़गंज में छापेमारी कर राहुल वर्मा, शांतनु रिचोरिया और अर्जुन सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
राहुल के बैंक खाते के माध्यम से आरोपितों तक पहुंची पुलिस
पुलिस ने आरोपित राहुल के बैंक खाते के माध्यम से आरोपितों तक पहुंची। ठगी की कुछ रकम राहुल के खाते में ट्रांसफर कराई गई थी। पुलिस को जांच के दौरान खाते का पता चला। फिर पुलिस ने खाते से जुड़े अधिकृत मोबाइल नंबर का पता लगाया। यह भी राहुल के नाम पर ही था। फिर उस मोबाइल नंबर की लोकेशन पहाड़गंज के एक होटल में मिली। वहां से ही पुलिस तीनों ठगों को गिरफ्तार किया।
बुजुर्ग को चार दिन तक रखा डिजिटल अरेस्ट
थाना प्रभारी इंस्पेक्टर प्रवेश कौशिक ने बताया कि जालसाजों ने पीड़ित को चार दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा। जब पीड़ित पत्नी के आभूषण बेचने व बैंक में अपनी एफडी तोड़ने के लिए घर से बाहर निकले तो उन्हें कहा गया कि उन पर नजर रखी जा रही है। किसी से बात करते ही पुलिस तुरंत गिरफ्तार कर लेगी।
राहुल ने बताया कि पहले उसने ठगों को अपना बैंक खाता मुहैया कराया था। इसके बाद राहुल खुद भी गिरोह में शामिल हो गया। आरोपित फर्जी बैंक खातों को विदेशी जालसाजों को भी उपलब्ध कराते थे। ये इंटरनेट मीडिया के माध्यम से विदेशी ठगों के संपर्क में थे।