छात्रों की उपस्थिति में फर्जीवाड़ा किया जाता है और मध्याह्न भोजन का संचालन बाधित रहता है। केंद्रीयकृत रसोईघर के संबंध में मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता खराब रहने तथा छात्रों की संख्या की तुलना में कम मात्रा में मध्याह्न भोजन की आपूर्ति करने के संबंध में शिकायतें प्राप्त होती हैं, जो अत्यंत खेदजनक है।
निर्देश में हिदायत भरे शब्दों में अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि सामान्यतः देखा जाता है कि मध्याह्न भोजन की अनियमितता की शिकायत प्राप्त होने पर केवल प्रधानाध्यापक या प्रधान शिक्षक पर ही कार्रवाई की जाती है तथा केंद्रीयकृत रसोईघर के विपत्र की राशि से कटौती की जाती है।
जबकि अनियमितता के लिए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (मध्याह्न भोजन योजना), जिला कार्यक्रम प्रबंधक तथा प्रखंड एवं जिला साधनसेवी समान रूप से दोषी हैं।