1468
Shares
गोरखपुर
गर्मी के नजरिये से मई का सुखद समापन होगा। जून की शुरुआत भी राहत भरी रहेगी। अधिकतम से लेकर न्यूनतम तापमान चढ़ने नहीं पाएगा। बादलों की आड़ के चलते सूरज निकलने नहीं पाएगा। आसमान में बादल जमे रहेंगे, ऐसे में गरज-चमक के बीच रुक-रुक कर वर्षा का क्रम जून के पहले सप्ताह तक चलता रहेगा।
मौसम के इस रुख के चलते इसबार नौतपा में इस बार गोरखपुर नहीं तपेगा। मौसम विज्ञानी कैलाश पांडेय अपने अध्ययन के आधार पर यह पूर्वानुमान जता रहे हैं। लोगों को फिलहाल गर्मी से राहत मिलने की खुशखबरी सुना रहे हैं।
शास्त्रों के मुताबिक नौतपा तब लगता है, जब ज्येष्ठ महीने में सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है। इस दौरान धूप पूरे रौ में रहती है। भीषण गर्मी के चलते लोगों की परेशानी बढ़ जाती है। ऐसे में इस दौरान लोगों का अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
भीषण गर्मी का यह क्रम नौ दिन तक चलता है। इसीलिए इसे नौतपा कहा जाता है। यह सर्वाधिक गर्म नौ दिन होता है। इस बार नौतपा की शुरुआत रविवार यानी 25 मई से हो रही है। दो जून तक इसका क्रम चलेगा लेकिन इसका असर गोरखपुर पर नहीं होगा।
वायुमंडलीय परिस्थितियां नौतपा के विपरीत हैं। जम्मू-कश्मीर के ऊपर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है, यह तिब्बत की ओर बढ़ रहा है। उधर झारखंड के ऊपर बना निम्न वायुदाब दक्षिण-पूर्व उत्तर प्रदेश तक पहुंच रहा है। इन दोनों परिस्थितियों के चलते पूर्वी उत्तर प्रदेश में बादल जमे हुए हैं और वर्षा का माहौल बना हुआ है।
इस माहौल का प्रभाव दो जून तक जारी रहेगा। कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी तो कुछ पर रुक-रुक का वर्षा का सिलसिला जारी रहेगा। इसके चलते अधिकतम तापमान 35 से 38 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। आर्द्रता के चलते कई बार उमस भरी हल्की गर्मी पड़ेगी तो अक्सर रिकार्ड तापमान से कम की ठंड का अहसास होगा।
10 जून तक गोरखपुर पहुंचेगा मानसून
निर्धारित समय से आठ दिन पहले ही मानसून ने शनिवार को केरल में दस्तक दे दी। ऐसे में गोरखपुर तक इसके पहुंचने की तिथि का पूर्वानुमान भी मौसम विज्ञानी जताने लगे हैं। मौसम विज्ञानी कैलाश पांडेय के अनुसार आमतौर पर गोरखपुर में मानसून की दस्तक 15 से 20 जून के बीच होती है लेकिन इस बार इसके केरल में पहले आने का प्रभाव गोरखपुर में मानसून के आने के समय पर भी पड़ेगा।
यह निर्धारित समय से एक सप्ताह पहले यानी 10 जून तक ही आ जाएगा। हालांकि इसे लेेकर निश्चित पूर्वानुमान मानसून के अगले दो-तीन दिन के रुख को देखकर ही किया जा सकेगा। मौसम विज्ञानी के अनुसार जब लगातार तीन दिन तक 2.5 मिलीमीटर मंडलीय वर्षा होती है तो मौसम विभाग के मानक पर मानसून की शुरुआत मानी जाती है।