जिले में बेबी कार्न के लिए आठ क्विंटल और स्वीट कार्न के लिए दो क्विंटल का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए करीब 1000 किसानों के बीच बीज वितरण करने का लक्ष्य रखा गया है। इसका बीज काफी महंगा होता है।
बाजार में भी इसकी काफी मांग है। बेबी कार्न से सब्जी, सूप, पकौड़ा आदि व्यंजन तैयार किए जाते हैं। बाजार में इसकी कीमत 100 से 200 रुपये किलो है। जबकि स्वीट कार्न की कीमत 20 से 50 रुपये प्रति पीस है।
लाभकारी है स्वीट कार्न और बेबी कार्न की खेती
कृषि विशेषज्ञ के अनुसार जिन इलाकों में मक्का की खेती काफी होती है स्वीट कार्न और बेबी कार्न की खेती आसानी से की जा सकती है।
बेबी कार्न की फसल 50 से 60 दिन में और स्वीट कार्न की फसल 80 से 90 दिन में तैयार हो जाती है। इसके बाद किसान उस खेत में दूसरी फसल भी लगा सकते हैं।
खेत को जोतकर और मेड बनाकर बीज की बोआई करने से फसल अच्छी होती है। पहली सिंचाई बोआई से पहले और फिर 15 दिन के अंतराल पर करनी चाहिए।
बीज बोआई से पहले खेत में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश का छिड़काव जरूर करें। बेबी कार्न की खेती से किसानों को दोहरा लाभ भी मिलता है।
क्योंकि, इसके पौधे का इस्तेमाल पशु चारे के लिए भी किया जा सकता है। 10 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान वाले क्षेत्रों में सालों भर इस फसल को उगाया जा सकता है लेकिन अगस्त से नवंबर के बीच की गई बोआई अधिक उपज देती है।