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गोरखपुर
शहर में लगातार बढ़ते रेबीज के मामले और कुत्तों की संख्या को देखते हुए नगर निगम ने गुलरिहा के अमवा में एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) सेंटर का निर्माण कराया है। यहां कुत्तों की नसबंदी की जा रही है। इससे आने वाले दो-तीन वर्षों में कुत्तों की संख्या काफी नियंत्रित हो जाने की संभावना है। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस सेंटर का उद्घाटन करेंगे।
लगभग 1.85 करोड़ रुपये की लागत से एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर का निर्माण किया गया है। यहां प्रतिदिन 41 कुत्तों की नसबंदी की जा सकती है। साथ ही परिसर में पालतू कुत्तों के लिए पेट्स सैलून बनाए गए हैं। यहां कुत्तों की देखभाल के लिए चिकित्सक भी तैनात किए गए हैं।
1,700 वर्ग मीटर में 1.85 करोड़ रुपये की लागत से बने एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर का संचालन निजी एजेंसी कर रही है। ट्रायल के दौरान शहर के जिन इलाकों में कुत्तों का उत्पात है, वहां से कुत्तों को पकड़कर केंद्र पर उनकी नसबंदी की जा रही है। इस सेंटर में प्रतिदिन 41 कुत्तों की नसबंदी की जा सकती है, लेकिन इन दिनों यहां 25 से 30 कुत्तों की नसबंदी की जा रही है।
प्रविधान यह किया गया है कि इस एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर में संचालक की जिम्मेदारी होगी कि वार्षिक 6,000 एबीसी-एआरबी सर्जरी का लक्ष्य हासिल करें। कुत्तों की मृत्यु दर 0.50 से अधिक नहीं होनी चाहिए। प्रत्येक 1,000 एबीसी-एआरवी सर्जरी के बाद मृत्यु दर जांची जाएगी। ज्यादा होने पर अनुबंध समाप्त हो जाएगा।
नगर निगम के मुख्य अभियंता संजय चौहान ने बताया कि एबीसी सेंटर तैयार है। सोमवार को सीएम के हाथों इसका लोकार्पण किया जाएगा।
अब तक 700 से ज्यादा कुत्तों की हो चुकी है नसबंदी
एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर में अब तक 701 कुत्तों की नसबंदी हो चुकी है। इसके रखरखाव और मेंटेनेंस पर पांच साल में लगभग 4.20 करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है। एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर के बनने के बाद नगर निगम क्षेत्र में आवारा घूम रहे कुत्ते जो जन सामान्य को नुकसान पहुंचाते थे तथा रेबीज जैसी बीमारियों की वजह बनते हैं उनकी संख्या वृद्धि को काबू करने में काफी हद तक सफलता प्राप्त होगी।