अलीगढ़। Aligarh News: मीटर रीडर बिल देकर नहीं गया तो पता करने या जमा करने लिए ऑफिस के चक्कर लगाने पड़ते हैं। समय पर बिल जमा नहीं किया तो जुर्माना भरना पड़ता है। यह तनाव भी नहीं रहेगा। इन तमाम दिक्कतों से बचाने के लिए प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। मोबाइल फोन से कनेक्ट होने के कारण आपको अलर्ट करने के लिए इससे मैसेज भी मिलेगा।
अलीगढ़ जिले में छह लाख उपभोक्ताओं के यहां 27 महीने में स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य दिया गया था। यह काम विभाग की देखरेख में निजी एजेंसी कर रही है। 16 महीने में 80 हजार मीटर ही लगाए जा सके हैं। 11 महीने में 5.20 लाख लगने हैं। यानी हर महीने लगभग 45 हजार मीटर लगे तभी लक्ष्य पूरा हो पाएगा।
खंभे व केबल बदलने के बाद स्मार्ट मीटर से रोकेंगे बिजली चोरी
बिजली विभाग निर्बाध आपूर्ति देने के लिए बिजली चोरी रोकने पर जोर दे रहा है। लाइन लॉस वाले इलाकों में खंभे और केबल बदली जा रही हैं। वहां आर्मर्ड केबल लगाई जा रही हैं। यह केबल पीवीसी के साथ लोहे की पत्ती से कोटेड है। इसे आसानी से काटा या छेदा नहीं जा सकता। जिले में औसतन दो से तीन मिलियन यूनिट बिजली रोज खर्च होती है। इसमें 15 प्रतिशत बिजली चोरी हो जाती है। विभाग का दावा है कि केबल बदलने और स्मार्ट मीटर लगने से बिजली चोरी रोकी जाएगी। पहले के मीटरों में डिवाइस लगाकर छेड़छाड़ की जा सकती है।
स्मार्ट मीटर लगने से पहले इतने ही लोड पर एक हजार से 1200 रुपये तक बिल आता था। अब दो हजार या उससे अधिक आ रहा है। आदर्श दीक्षित, महेंद्र नगर
बिजली बिल पहले करीब एक हजार रुपये आता था। स्मार्ट मीटर लगने के बाद इस बार 2800 आया था। स्मार्ट मीटर तनाव दे रहे हैं। पप्पू सिंह, मुहल्ला ऊंचान अतरौली