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लखनऊ
उत्तर प्रदेश में वक्फ की कितनी संपत्तियां हैं, इसकी सही जानकारी राजस्व विभाग के पास अभी तक उपलब्ध नहीं हो पाई है। वर्ष 2022 में शासन ने सभी जिलों से वक्फ संपत्तियों की जांच कर निर्धारित प्रारूप में रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन अधिकतर जिलों ने यही रिपोर्ट भेजी है कि राजस्व रिकॉर्ड में सभी वक्फ संपत्तियों की जानकारी नहीं है।
सिर्फ रायबरेली की डलमऊ तहसील की रिपोर्ट तय प्रारूप में भेजी गई है। अब राजस्व विभाग ने उसी रिपोर्ट को सभी जिलाधिकारियों को भेजकर नए सिरे से वक्फ संपत्तियों की जांच कर रिपोर्ट भेजने को कहा है
शासन ने जिलों से मांगी थी रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 1989 में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए थे कि वक्फ बोर्ड की सिफारिश पर संबंधित जिलों में स्थित संपत्तियों को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया जाए। इस आदेश के बाद वक्फ बोर्ड ने अपने स्तर से ही तमाम संपत्तियों को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया था।
जिलाधिकारियों ने भी इसकी जांच नहीं की थी कि वक्फ बोर्ड ने जिन संपत्तियों को वक्फ संपत्ति घोषित किया है वह संपत्तियां किस श्रेणी की हैं। इसके बाद वर्ष 2022 में सरकार ने पुराने आदेश को रद कर सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए थे कि वे अपने-अपने जिलों की वक्फ संपत्तियों की जांच कर उसकी रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराएं। रिपोर्ट तैयार करने के लिए सभी जिलों को एक प्रारूप तैयार करके भेजा गया था, लेकिन रायबरेली की डलमऊ तहसील को छोड़कर अधिकतर जिलों ने प्रारूप के बिना ही रिपोर्ट भेज दी है।
कई संपत्तियों पर प्रभावशाली लोगों का कब्जा
वक्फ का नया कानून बनने के बाद सरकार की कोशिश है कि वक्फ की संपत्तियां जिन्हें मिलनी चाहिए, उन्हें ही मिली हैं या नहीं। जमीमी हकीकत यह है कि तमाम संपत्तियों को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया गया है, लेकिन मौके पर उनका व्यवसायिक इस्तेमाल किया जा रहा है।
कई संपत्तियों पर प्रभावशाली लोगों ने कब्जा कर रखा है। फिलहाल सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि निर्धारित प्रारूप में ही अपने-अपने जिलों की वक्फ संपत्तियों की जांच कर उसकी रिपोर्ट जल्द से जल्द भेजी जाए