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आगरा
पुलिस आयुक्त जे रविन्दर गौड ने 15 माह के कार्यकाल में नए प्रयोगों से नई पुलिसिंग सिखाई। उन्होंने साक्ष्य आधारित विवेचना से लेकर बीट पुलिस अधिकारी की व्यवस्था लागू कराई। इसके साथ ही उनके नेतृत्व में कमिश्नरेट पुलिस ने कई बड़े गुडवर्क किए।
जे रविन्दर गौड ने 11 जनवरी 2024 को पुलिस आयुक्त पद पर कार्यभार ग्रहण किया था। उस समय पुलिस की छवि जगदीशपुरा कांड से खराब हो रही थी।
साक्ष्य आधारित विवेचना की व्यवस्था कराई शुरू, बीपीओ बनाए
उन्होंने जगदीशपुरा कांड में निष्पक्ष विवेचना कराई और गैंग में शामिल कई लोगों को जेल भिजवाया।इसके बाद उन्होंने कार्यालयों, थानों और पुलिस चौकियों के सुंदरीकरण पर ध्यान दिया। जिले में कई थाने आइएसओ सर्टीफाइड बन गए। पुलिस आयुक्त ने साक्ष्य आधारित विवेचना प्रणाली लागू की। इसकी पुलिस अधिकारियों को ट्रेनिंग भी दी। फीडबैक सेल से थानों में पनप रहे भ्रष्टाचार पर नजर रखी। वहीं बीट पुलिस अधिकारी की व्यवस्था से पुलिस को नेटवर्क मजबूत किया।
15 माह के कार्यकाल में कई बड़े गैंग का कराया पर्दाफाश
उनके कार्यकाल में कई बड़ी घटनाएं हुईं, लेकिन उनका समय से ही पर्दाफाश हो गया। हाल ही में फर्जी दस्तावेजों से बैनामा कराने वाले बड़े गैंग का पर्दाफाश हुआ था। इसकी जांच को उन्होंने एसआईटी बना दी । इस तरह के और भी कई बड़े मामलों का उनके कार्यकाल में पर्दाफाश हुआ।
दो वर्ष से आगरा को करीब से देख रहे हैं आईजी दीपक कुमार
2005 बैच के आईपीएस अधिकारी दीपक कुमार 11 मार्च 2023 में आईजी आगरा बने थे। वे दो वर्ष से आगरा को करीब से देख रहे हैं। हालांकि कमिश्नरेट बनने के कारण आगरा उनकी रेंज में शामिल नहीं था। मगर, वे आगरा की पुलिसिंग और यहां के संवेदनशील क्षेत्रों और अन्य विषयों की गहराई से जानकारी रखते हैं।