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गाेरखपुर
मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत नया गोरखपुर के लिए चल रही भूमि जुटाने की रफ्तार सुस्त पड़ गई है। अब तक गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) समझौते के आधार पर करीब 190 भूमि खरीद चुका है। योजना के लिए 25 गांव की छह हजार एकड़ भूमि समझौते व अनिवार्य अधिग्रहण के तहत खरीदी जानी है।
प्राधिकरण को अब सदर तहसील के दो और गांव बैजनाथपुर और विशुनपुर में जमीन की खरीद शुरू करनी है। यहां भी समझौते के आधार पर ही काश्तकारों से भूमि ली जाएगी। लेकिन, दर को लेकर कई काश्तकारों से सहमति नहीं बन पाने की वजह से खरीद शुरू नहीं हो पा रही है।
प्राधिकरण के मुताबिक अब तक समझौते के आधार पर बालापार में 414 काश्तकार, मानीराम में 468 और रहमतनगर में 50 काश्तकार से 189.90 एकड़ भूमि खरीदी जा चुकी है। इसके लिए कुल 932 काश्तकारों को 278.63 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
नया गोरखपुर योजना के लिए विकास प्राधिकरण, राजस्व ग्राम बालापार, मानीराम, रहमतनगर, साेनबरसा, महराजगंज, परमेश्वरपुर, बैजनाथपुर, विशुनपुर, देवीपुर, रामपुर गोपालपुर, ठाकुरपुर नंबर एक व ठाकुरपुर दोयम में करार के आधार पर जबकि अन्य गांवों में अनिवार्य अर्जन के तहत भूमि ले रहा है।
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी चल रही
तीन हजार करोड़ रुपये की नया गोरखपुर परियोजना के लिए जीडीए ने समझौते के आधार पर जमीन लेने के साथ ही अनिवार्य अधिग्रहण की भी प्रक्रिया शुरू कर दी है। गोरखपुर-कुशीनगर रोड पर चौरीचौरा तहसील क्षेत्र के माड़ापार में 151.261 हेक्टेयर और सदर तहसील क्षेत्र के तकिया मेदनीपुर में 44.706 व कोनी में 56.482 हेक्टेयर भूमि अधिगृहीत की जाएगी। इसके लिए चयनित एजेंसी की ओर से समाघात सामाजिक अध्ययन की रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के बाद अब जनसुनवाई भी हो चुकी है।
जमीन क्रय करने के साथ ही जोनल प्लान भी कर रहे तैयार
नया गोरखपुर के लिए समझौते के आधार पर जमीन क्रय करने के साथ ही प्राधिकरण ने यहां के सुनियोजित विकास के लिए जोनल प्लान बनाने का काम भी शुरू कर दिया है। चयनित फर्म ड्रोन सर्वे के माध्यम से इस क्षेत्र का जोनल प्लान तैयार कर रही है।
प्रथम चरण में मानीराम, बालापार समेत चार गांव, जहां प्राधिकरण की ओर से जमीन क्रय की जा रही है, उसका जोनल प्लान तैयार कराया जा रहा है। प्लान तैयार होते ही उसे स्वीकृति के लिए शासन को भेजा जाएगा। इसी तरह जैसे-जैसे कुछ गांवों में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होती जाएगी, वहां का जोनल प्लान भी तैयार होता जाएगा। इसके जरिये यह तय हो सकेगा कि कहां की भूमि आवासीय होगी, कहां व्यावसायिक और कहां स्कूल, अस्पताल व अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी।