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मेरठ
पुलिस पूरी तरह निरंकुश हो गई है। बदमाशों की धरपकड़ का उसके पास कोई प्लान नहीं है। सिर्फ और सिर्फ खनकते सिक्के दिख रहे हैं। इंस्पेक्टर दौराला की सरपरस्ती में कैसीनो चलाने का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था, पल्लवपुरम के दो दारोगाओं ने नया कारनामा कर दिया।
प्राइवेट गाड़ी सवार बावर्दी दो दारोगाओं ने एक दुकान के सामने खड़े तीन किशोर को हिरासत में ले लिया। तीनों काे ललसाना जंगल ले गए। छोड़ने की एवज में रुपये मांगे। नहीं दिए तो उन्हें तमंचे में जेल भेजने की धमकी दी। मांग पूरी नहीं की तो दोनों दारोगाओं ने तीनों के मोबाइल छीन लिए। कहा, रुपया दे जाना, मोबाइल ले जाना।
तीनों को आधी रात में दोनों दारोगा जंगल में छोड़ आए। किसी तरह वह पास के गांव में जानकार के यहां पहुंचे। फोन पर परिजनों को सूचना दी। वह आए और तीनों किशोर को लेकर थाना पल्लवपुरम पहुंचे। इंस्पेक्टर से शिकायत की। उन्होंने दोनों दारोगाओं को हड़काकर मोबाइल वापस दिलाए।
गंभीर बात यह है कि इस मामले से न तो अधिकारियों को अवगत कराया गया, न ही उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की। पूरे मामले पर अब इंस्पेक्टर पल्ला झाड़ रहे हैं। जानकारी मांगी तो कहा, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। पीड़ितों में एक बलिदानी का बेटा है।
यह है पूरा मामला
पल्ल्वपुरम थाना क्षेत्र के न्यू फ्रेंडस कॉलोनी निवासी विशाल पुंडीर ने बताया कि उसके पिता साहब सिंह पुंडीर सेना में एक आतंकी ऑपरेशन के दौरान बलिदान हुए थे। विशाल दोस्त मनोज निवासी डोगरा बस्ती और कुनाल निवासी शिव एन्क्लेव के साथ कैश कॉलेज के पास दुकान पर गया था। वह लावड़ रोड पर वह एक दुकान के सामने खड़े थे। मनोज शराब पीने लगा। विशाल व कुनाल कुछ दूर बातचीत करने लगे।
आरोप है, इसी दौरान एक प्राइवेट कार उनके पास आकर रुकी। उससे दो दारोगा उतरे। कार को एक युवक चला रहा था। विशाल ने बताया कि दोनों दारोगाओं ने तीनों को शराब पीने का आरोप लगा कार में बैठा लिया। बकौल, विशाल उन्होंने दारोगाओं से कहा, सिर्फ मनोज शराब पी रहा था, वह दोनों तो अलग खड़े थे और शराब भी नहीं पी है।
दारोगा ने उन्हें धमकाया और गांव ललसाना बाग के पास ले गए। यहां तीनों को कार से उतारा। आरोप है, उनसे छोड़ने की एवज में रुपये मांगे। उन्होंने रुपये न होने की बात कही। इस पर दोनों दारोगाओं ने तीनों के मोबाइल छीन लिए।
विशाल का आरोप है, दाेनों दारोगा आपस में बात कर रहे थे कि जो तमंचे वाला आरोपी नहीं मिल रहा है, उसके नाम पर तीनों को पकड़ लो। इनके हाथ में पिस्टल दिखाकर फोटो खींचो।
तीन-तीन हजार रुपये देकर मोबाइल ले जाने को कहा
विशाल का आरोप है कि वह डर गए और मांग पूरी करने की बात कही। इसके बाद दोनों दारोगा तीनों को आधी रात को जंगल में छोड़कर चले गए। तीन-तीन हजार रुपये देकर मोबाइल ले जाने को कहा। परिजनों संग तीनों थाने पहुंचे तो दोनों में से एक दारोगा उन्हें मिल गया।
इंस्पेक्टर अखिलेश सिंह के सामने उन्होंने उसकी पहचान की। पीड़ितों के अनुसार, इंस्पेक्टर ने दोनों दारोगा को जमकर हड़काया। समझाकर तीनों के परिजनों को वापस भेज दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। इस संबंध में जब इंस्पेक्टर से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने इस मामले की जानकारी से ही इनकार कर दिया।