शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष में जाना भारतीय अंतरिक्ष यात्रा के लिए एक अहम कदम है। वह भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO के “गगनयान” मिशन का हिस्सा बनने के लिए भी चयनित किए गए हैं। गगनयान मिशन भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन है, जिसमें एक से तीन अंतरिक्ष यात्री निम्न पृथ्वी कक्षा में यात्रा करेंगे। शुक्ला की अक्सियम मिशन 4 यात्रा गगनयान मिशन से पहले का महत्वपूर्ण अनुभव साबित होगी।
भारत ने शुभांशु शुक्ला के लिए बैक-अप अंतरिक्ष यात्री के रूप में ग्रुप कैप्टन प्रसांत बालकृष्णन नायर को भी नियुक्त किया है। यदि शुभांशु किसी कारणवश मिशन पर नहीं जा पाए, तो नायर उनकी जगह ISS पर पहुंचेंगे। यह बैक-अप योजना अंतरिक्ष मिशनों में सामान्य प्रक्रिया है, जो किसी भी अप्रत्याशित स्थिति के लिए तैयार रहती है।
अक्सियम मिशन 4 (Ax-4) और अंतरराष्ट्रीय सहयोग
अक्सियम मिशन 4 (Ax-4) को फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा और इसे स्पेसX ड्रैगन अंतरिक्ष यान द्वारा भेजा जाएगा। इस मिशन में अंतरिक्ष यात्री ISS पर 14 दिन तक रहेंगे, जहां वे वैज्ञानिक अध्ययन, शिक्षा से जुड़ी गतिविधियां और वाणिज्यिक मिशन करेंगे। यह मिशन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें शुभांशु शुक्ला के साथ पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री भी ISS पर पहली बार जाएंगे।
भारत-अमेरिका सहयोग का नया अध्याय
यह सहयोग NASA और ISRO के बीच अंतरिक्ष अन्वेषण में बढ़ते सहयोग का प्रतीक है। दोनों देशों के बीच बढ़ती साझेदारी से यह स्पष्ट होता है कि अंतरिक्ष अन्वेषण उनके दोनों देशों के लिए शीर्ष प्राथमिकता है।