डा. राजेंद्र ने बताया कि रूम टेेंप्रेचर सोडियम सल्फर बैटरी सोडियम आयन बैट्री का बेहतर विकल्प है। प्रोजेक्ट के वृहद अनुसंधान और विकास के लिए ऊर्जा मंत्रालय की कंपनी सीपीआरआइ (सेंट्रल पावर रिसर्च इंस्टीट्यूट) बेंगलुरु से अनुबंध हुआ है। दो वर्ष में प्राेजेक्ट को पूर्ण करने का लक्ष्य तय हुआ है। तकनीक हस्तांतरण के उपरांत बैटरी का थोक उत्पादन होगा।
सोडियम आयन बैटरी की डिस्चार्ज क्षमता 170 से 175 मिली एंपियर हावर प्रति ग्राम होती है, जबकि ऊर्जा घनत्व 150 से 180 वाट हावर प्रति किलोग्राम होता है। विभाग के लैब में ट्रायल के दौरान रूम टेंप्रेचर सोडियम सल्फर बैटरी की डिस्चार्ज क्षमता 1300 से 1400 मिली एंपियर हावर प्रति ग्राम और ऊर्जा घनत्व 1274 वाट हावर प्रति किलोग्राम मिला है।
लैब में दूर की जा रहीं कई चुनौतियां, मिलेंगे सकारात्मक परिणाम
डा. राजेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि देश में सल्फर प्रचुरता मेें औद्योगिक कचरे के रूप में उपलब्ध हैं। कोयला, तेल और गैस काे जलना पर सल्फर गैस का उत्पादन होता है। सल्फर बैटरी को सिलिका मैट्रिक्स, कुछ कैटालिसिस व इलेक्ट्रोलाइट से बनाया जाता है, इससे लागत कम आएगी और क्षमता अधिक होगी। हालांकि, बैटरी निर्माण में कुछ तकनीकी चुनौतियां भी हैं, पाली सल्फाइड डिजुलेशन शटल इफेक्ट और कैथोड में शार्ट सर्किट जैसी बाधाओं को दूर करने का प्रयास हो रहा है।