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लखनऊ
प्रदेश में गर्मी ने असर दिखाना शुरू कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य के कई हिस्सों में तापमान सामान्य से अधिक दर्ज किया गया है। प्रयागराज और हमीरपुर में लू सी चल रही है, जबकि कई अन्य जिलों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रिकार्ड किया गया है। इन जिलों में दिन के समय भीषण गर्मी महसूस की जा रही है।
मौसम विभाग के अनुसार, बाराबंकी और इटावा में न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी अधिक दर्ज किया गया है। लखनऊ, लखीमपुर खीरी, हरदोई, कानपुर, वाराणसी, गाजीपुर, झांसी, शाहजहांपुर, नजीबाबाद, आगरा (ताज क्षेत्र) और मुजफ्फरनगर में तापमान सामान्य से काफी ऊपर रहा।
गोरखपुर, वाराणसी, बलिया, सुलतानपुर, फर्रुखाबाद, फतेहगढ़, बरेली और मेरठ में भी न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक दर्ज किया गया। फिलहाल किसी भी जिले में रात गर्म नहीं रही है। वाराणसी, सुलतानपुर और फुर्सतगंज में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री अधिक था। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले दिनों में तापमान में और वृद्धि हो सकती है। ऐसे में सावधानी बरतें। धूप में अधिक देर तक न रहें। खूब पानी पीएं।
शहर भर में गहराने लगा पेयजल संकट,सूख रहे कंठ
प्रयागराज शहर का विस्तार दिन प्रतिदिन होता जा रहा है। आबादी भी बढ़ती जा रही है, लेकिन पेयजल आपूर्ति को लेकर जलकल विभाग की ओर से कोई व्यापक बदलाव नहीं किया गया है। तीन दशक पुरानी व्यवस्थाओं को आधार बनाकर पेयजल आपूर्ति का दावा किया जाता है। लेकिन यह दावा गर्मी शुरू होते ही खोखला साबित होने लगा है।
शहर में गर्मी आने से पहले ही पेयजल समस्या गहराने लगा है। मार्च में ही शहर के लगभग सभी पुराने मोहल्लों में पेयजल किल्लत से लोग परेशान होने लगे हैं। जब के पेयजल व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जलकल विभाग की ओर से 40 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि खर्च करके नए नलकूप लगाए गए हैं। लेकिन इसका भी व्यापक असर देखने को नहीं मिल रहा है।
शहर प्रतिदिन 402 एमएलडी पानी की खपत होती है। इसमें से 90 एमएलडी पानी खुसरोबाग के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से होती है। 312 एमएलडी पानी की आपूर्ति 664 नलकूप के माध्यम से होती है। जलकल विभाग की ओर से पेयजल की बेहतर आपूर्ति न होने से उपभोक्ताओं को पर दोहरी मार पड़ रही है।
पहला कनेक्शन धारकों सुविधा के बिना ही जलकर जमा करना पड़ रहा है, इसके अलावा हर महीने एक हजार से 1500 रुपये का पानी भी खरीदने का खर्च अतिरिक्त उठाना पड़ रहा है। शहर का शायद ही कोई मुहल्ला होगा जहां पर लोग पेयजल के लिए न परेशान हो। अल्लापुर,दारागंज, शिवकुटी, तेलियरगंज, मेंहदौरी, रसूलाबाद, झलवा, राजरूपुर, नंदग्राम, कसारी मसारी, दरियाबाद गौसनगर, करैलाबाग, सोहबतियाबाग, फाफामऊ आदि क्षेत्रों में चार लाख से अधिक की आबादी पेयजल की समस्या से परेशान होने लगी है।
यमुना का जलस्तर घटने पर बढ़ेगी परेशानी
शहर में पेयजल संकट गहराने लगा है। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से जिन मुहल्लों मं पानी की आपूर्ति होती है वहां पर पानी की समस्या गहराने लगी है। एक माह के बाद यमुना का जलस्तर घटने पर दो लाख से अधिक आबादी को पेयजल के लिए परेशान होना पड़ेगा। पेयजल की समस्या से लोगों को बचाने के लिए जलकल विभाग की ओर से मोटर पंप लगाने की बात कहीं जा रही है।