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बांका
बांका के गौरा गांव में आयोजित चंडी महायज्ञ का समापन गुरुवार को हवन यज्ञ में आहुति के साथ हो गया। इस दौरान बुधवार की रात लोकगायिका देवी ने एक से बढ़कर एक गीत सुनाकर महफिल लूट ली। शुभारंभ माता की गीत दुअरा पर आइल बा पूजरिया, केवड़िया खोली ए मैया के साथ हुआ। इसके बाद लहर- लहर लहराई रे मेरी मां की चुनरिया जैसी एक से बढ़कर एक भक्ति गीतों की प्रस्तुति को सुनकर हजारों की भीड़ से खचाखच भरा पंडाल में दर्शक अपने आप को नहीं रोक पाए।
दर्शक भोजपुरी गायिका देवी के स्वर स्वर से स्वर मिलाते हुए झूम उठे। फिर आधी रात के बाद दर्शकों की मांग पर लोकगायिका देवी ने राजधानी पकड़ के आ जइयो आ जइयो आ जइयो एवं परवल बेचे जाइब भागलपुर , ए राजा मत रह दूर और अंगुली में ड्सले बिया नगिनिया रे जैसे एक से बढ़कर एक गीतों की प्रस्तुति कर दर्शकों को खूब नचाया।
जबकि गायिका वैष्णवी, शंभु ज्योति, पूजा,रानी पाठक,सौम्या आदि कलाकारों ने सत्यम शिवम सुंदरम जैसे शिव की भजन गाकर खूब तालियां बटोरी।
बांका के प्रेम को कभी नहीं भूलेंगे
लोकगायिका देवी ने कहा कि बांका आकर बहुत अच्छा लगा। यहां के दर्शकों से जो प्रेम मिला वह कभी भूलाया नहीं जा सकता। होली हम सभी को एक दूसरे से प्रेम का संदेश देता है। उन्होंने हिंसा से बचने और पशु पक्षियों से प्रेम करने करने की बात कही।
संचालक ऋतुराज म्यूजिकल ग्रुप हवेली खड़गपुर के शिबू दा ने किया। आयोजक कौशल सिंह ने सभी कलाकारों को सम्मानित किया। गुरुवार की रात्रि शिवेश मिश्रा का कार्यक्रम कराते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया।
उन्होंने कहा कि उनके द्वारा नौ मार्च को बागेश्वर धाम से आये पीठाधीश्वर बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के कार्यक्रम में उन्होंने गौरा की धरती पर तीन दिन कार्यक्रम करने अर्जी लगाने और पर्ची खोलते हुए कथा कहने की बात कहकर गए हैं। यदि माता जगदंबा की कृपा बनी रही तो इससे भी भव्य दरबार लगेगा।
मंच का संचालन भारती ओझा ने किया। देवी के बिहार में बहुत सारे फैन हैं। हाल में बाढ़ के समय देवी का गाना गंगा मैया बहुत वायरल हुआ था।