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नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली में रात के समय सड़कों पर भारी ट्रक और वाणिज्यिक वाहन मौत बनकर दौड़ती हैं। ट्रैफिक नियमों की अनदेखी कर इन वाहन चालकों की चपेट में आने से लोग अकसर हादसे का शिकार होते हैं।। इस वर्ष जनवरी और फरवरी में इन भारी वाहनों से 122 सड़क हादसे सामने आए हैं।
इन भारी वाहनों पर सख्ती बरतते हुए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस राजधानी की सड़कों पर प्रवेश निषेध प्रतिबंधों को कड़ा कर रही है और अब ऐसे ओवरलोड वाहनों को सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इन वाहनों में भारी परिवहन और माल वाहन, टेम्पो, क्रेन, ट्रैक्टर और डिलीवरी वैन भी शामिल हैं, जिनमें से लगभग 48 प्रतिशत परिवहन और माल वाहन हैं।
ट्रैफिक पुलिस ने क्यों लिया ये फैसला?
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2021 से माल वाहनों और अन्य वाणिज्यिक वाहनों से जुड़ी दुर्घटनाएं 2024 तक 14 प्रतिशत बढ़ी हैं। 2023 में, इन वाहनों से जुड़ी ऐसी दुर्घटनाओं की संख्या कम से कम 267 थी, जो 2024 में बढ़कर 294 हो गई। इससे पहले, 2021 में यह कम से कम 240 और 2022 में कम से कम 258 थी।
इन भारी वाहनों से 2023 में 292 और 2024 में 317 मौतें हुई हैं। वाणिज्यिक वाहनों पर अंकुश लगाने में एक बड़ी चुनौती कानून का प्रवर्तन है। मौजूदा नो-एंट्री नियमों के बावजूद, कई ट्रक अवैध रूप से प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश करते हैं। 2024 में नो-एंट्री उल्लंघन के लिए 93,684 चालान जारी किए गए, जबकि एक साल पहले 66,459 चालान जारी किए गए थे।
जनवरी और फरवरी में हुए कितने हादसे?
अधिकारियों ने कहा कि इनमें से कई वाहन ओवरलोड थे, जिससे वे अधिक असंतुलित हो गए और दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ गई। इससे निपटने के लिए, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने अब जनवरी और फरवरी में हुई 122 दुर्घटनाओं में शामिल वाहनों को शहर में प्रवेश देने से मना कर दिया है।
ऐसे वाणिज्यिक वाहनों पर प्रतिबंध कृसे क्या होगा?
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (ट्रैफिक) सत्यवीर कटारा के मुताबिक ये भारी वाणिज्यिक वाहन विशेष रूप से घनी आबादी वाले क्षेत्रों में और यहां तक कि कभी-कभी गैर-पीक ट्रैफिक घंटों के दौरान भी गंभीर जोखिम पैदा करते हैं।
इनमें से कई दुर्घटनाएं ओवरलोडिंग, ब्रेक फेल होने, चालक की थकान और लापरवाही से वाहन चलाने के कारण होती हैं। उन्हें प्रवेश की अनुमति न देना केवल नियमों को लागू करने के बारे में नहीं है, यह उनके लिए हमारे सड़कों पर संभावित हादसों से बचने का एक सबक है।
इन प्रतिबंधों से यह सुनिश्चित करने की उम्मीद है कि वाणिज्यिक वाहन केवल निर्दिष्ट घंटों के दौरान ही चलेंगे, जिससे भीड़भाड़ कम होगी और छोटे वाहनों, पैदल यात्रियों और साइकिल चालकों के साथ टकराव का जोखिम कम होगा।