Bhaum Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत की महिमा का उल्लेख शिवपुराण में मिलता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। कहा जाता है कि यदि किसी की कोई इच्छा पूरी नहीं हो रही है, तो उन्हें इस व्रत का पालन अवश्य करना चाहिए। इस व्रत के माध्यम से सभी की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन की समस्याओं से भी मुक्ति मिलती है।
जब प्रदोष व्रत मंगलवार को आता है, तो इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। भौम प्रदोष व्रत के दिन कुछ कार्यों को करने से मना किया गया है। आइए जानते हैं कि इस दिन किन कार्यों से बचना चाहिए।
भौम प्रदोष व्रत 2025
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि आरंभ: 25 फरवरी, दोपहर 12:47 बजे से
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि समाप्त: 26 फरवरी, प्रातः 11:08 बजे पर
प्रदोष व्रत 25 फरवरी को मनाया जाएगा, जो कि मंगलवार के दिन पड़ रहा है। इसलिए इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है।
प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त
शुभ चौघड़िया मुहूर्त: 25 फरवरी , दोपहर, 3: 26 मिनट से- सायं 4: 52 मिनट तक।
लाभ चौघड़िया मुहूर्त: 25 फरवरी , सायं, 7: 52 मिनट से- रात्रि 9: 26 मिनट तक।