हालांकि सपा ने विकास कार्यों में कटौती का मुद्दा उठाकर बैठक से दूरी बनाई तो भाजपा के अधिकांश पार्षद वार्ड विकास निधि न बढ़ाए जाने का विरोध कर रहे थे।
तीन करोड़ की निधि चाहते हैं पार्षद
पार्षदों की मांग है कि सवा करोड़ की वार्ड विकास निधि को बढ़ाकर तीन करोड़ किया जाए, लेकिन मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते हुए यह संभव नहीं लग रहा था। दरअसल नगर निगम अगर मार्च तक भुगतान नहीं करता है तो ढ़ाई अरब की देनदारी और बढ़ जाएगी। ऐसे में यह देनदारी सात अरब के आसपास पहुंच जाएगी। हालांकि बजट में किसी नए कर का प्रावधान नहीं किया जा रहा है और नाही किसी तरह के कर में वृद्धि की जाएगी।
हाउस टैक्स की दरें भी पूर्व के हिसाब से ही रहेगी। मार्ग और सड़क की मरम्मत व सुधार में होने वाले व्यय मद में पुनरीक्षित बजट 2024-25 में 240 करोड़ का प्रावधान किया गया था, जिसे मूल बजट 2025-26 में घटाकर 228 करोड़ कर दिया गया है। सड़कों के नए निर्माण के बजट में भी कटौती करते हुए 50 लाख रखा गया है, जबकि पुनरीक्षित बजट में 1.50 करोड़ का प्रावधान था।
यातायात व्यवस्था पर बजट को घटाकर 50 लाख किया गया है, जबकि पुनरीक्षित बजट में तीन करोड़ का प्रावधान किया गया था। नालों की मरम्मत पर बीस लाख का प्रावधान है, जबकि पुनरीक्षित बजट में तीन करोड़ का प्रावधान था, जिस पर रकम खर्च नहीं की गई। औद्योगिक क्षेत्र में विकास का बजट चार करोड़ रखा गया है, जबकि पुनरीक्षित बजट में छह करोड़ का प्रावधान किया गया था। वेंङ्क्षडग जोन के निर्माण व संचालन पर दस करोड़ खर्च होंगे।
पार्कों की दीवार आदि के निर्माण व मरम्मत, रंगाई पुताई और अनुरक्षण पर दो करोड़ खर्च होगा, जबकि 2024-25 के पुनरीक्षित बजट में छह करोड़ का प्रावधान किया गया था।
प्रस्तावित बजट की खास बातें
- नगर निगम के बजट में आय व व्यय पक्ष में 42.36 अरब का प्रावधान किया गया है।
- नालों की सफाई पर 15 करोड़
- पेट्रोल डीजल पर बीस करोड़
- कूड़ाघरों के नए निर्माण पर 50 लाख कूड़ा प्रबंधन पर 3.3 अरब
- शहरी निर्धन बस्तियों का विकास पांच लाख
- स्ट्रीट लाइटों के नए निर्माण पर पांच करोड़
- स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत पर छह करोड़
आय पक्ष
- भवन कर में 6.83 अरब
- वाहनों व अन्य गाडिय़ों से कर दस लाख
- विज्ञापन शुल्क 16 करोड़
- प्रेक्षागृहों से कर डेढ़ करोड़
- कुत्तों का लाइसेंस शुल्क 50 लाख
- कल्याण मंडप से किराया डेढ़ करोड़
- पार्किंग ठेकों से 15 करोड़
- लाइसेंस शुल्क पांच लाख
- यूजर्स चार्ज एक अरब
पांच करोड़ की देनदारी और बढ़ जाएगी
बजट में पुराने कार्यों को भी शामिल करने से पांच करोड़ की देनदारी बढ़ जाएगी। 2023-24 में दो करोड़ के विकास कार्य कराने की बात कही जा रही है, लेकिन बजट सील न लगने से वित्तीय मंजूरी नहीं मिल पाई थी। 2024-25 का वित्तीय वर्ष खत्म होने के बाद तीन करोड़ की फाइलों को तैयार कर लिया गया था लेकिन बजट सील नहीं लग पाई थी। अब इन पुराने कार्यों से नगर निगम कुछ को लाभ देना चाहता है और इससे नगर निगम पर पांच करोड़ का बोझ बढ़ जाएगा।
जलकल के बजट में हैंडपंपों की मरम्मत पर 50 लाख का व्यय रखा गया है, जबकि पाइप लाइनों की मरम्मत पर नौ करोड़ खर्च होंगे। जलकर और सीवर कर में किसी तरह की वृद्धि नहीं की गई है। सीवेज पङ्क्षम्पग स्टेशन की मरम्मत में 1.30 करोड़ का खर्च होगा।