बरसाना (लट्ठमार होली)
वाराणसी (भगवान शिव की नगरी)
वाराणसी, जिसे काशी भी कहा जाता है, होली के त्योहार को बहुत ही धूमधाम से मनाता है। यहां होली के दिन गंगा नदी के किनारे रंगों का खेल खेला जाता है और शाम को होलिका दहन का आयोजन किया जाता है। वाराणसी की संकरी गलियों में होली का मजा दोगुना हो जाता है। दिल्ली से वाराणसी की दूरी लगभग 300 किलोमीटर है, जिसे आप ट्रेन या सड़क मार्ग से 6-7 घंटे में पहुंच सकते हैं।
वृंदावन (राधा-कृष्ण की लीला भूमि )
वृंदावन, मथुरा के पास स्थित है और यह भगवान कृष्ण की लीलाओं के लिए मशहूर है। यहां होली का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। बांके बिहारी मंदिर में होली के दिन रंगों की बरसात होती है और भक्तों को रंगों से सराबोर कर दिया जाता है। दिल्ली से वृंदावन की दूरी लगभग 150 किलोमीटर है, जिसे आप 3-4 घंटे में पहुंच सकते हैं।
जयपुर (राजस्थान की शान)
जयपुर, राजस्थान की राजधानी है और यहां होली का त्योहार बहुत ही शानदार तरीके से मनाया जाता है। यहां के राजपरिवार और स्थानीय लोग होली के दिन एक साथ मिलकर रंग खेलते हैं। जयपुर में होली के दिन ऐतिहासिक इमारतों और महलों को रंगों से सजाया जाता है, जो एक अद्भुत नजारा प्रस्तुत करता है। यहां गुलाल गोटा की भी खास परंपरा है, जिसमें गेंद में गुलाल भरकर एक-दूसरे पर फेंकते हैं। दिल्ली से जयपुर की दूरी लगभग 280 किलोमीटर है, जिसे आप 5-6 घंटे में पहुंच सकते हैं।
पुष्कर (पवित्र नगरी)
पुष्कर, राजस्थान में स्थित एक पवित्र शहर है और यहां होली का त्योहार बहुत ही शांति और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यहां के मंदिरों और झील के किनारे होली का मजा लिया जा सकता है। पुष्कर में होली के दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है, जो इस त्योहार को और भी खास बना देता है। दिल्ली से पुष्कर की दूरी लगभग 400 किलोमीटर है, जिसे आप 6-7 घंटे में पहुंच सकते हैं।