न्यायमूर्ति ओका ने शनिवार को अवैध होर्डिंग्स को लेकर नाराजगी व्यक्त की थी और कहा कि बॉम्बे उच्च न्यायालय ने पहले ही आदेश दिया था कि उन्हें प्रदर्शित करने के लिए पूर्व अनुमति आवश्यक है।
महाराष्ट्र के ठाणे जिले के मीरा भयंदर टाउनशिप में एक मजिस्ट्रेट अदालत के उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कार्यक्रम स्थल पर जाते समय उन्होंने कार्यक्रम में अतिथियों के स्वागत के लिए लगाए गए कई बैनर देखे।
होर्डिंग्स देखकर पहले हुई थी खुशी

सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा कि शुरुआत में उन्हें ये बैनर देखकर खुशी हुई, लेकिन बाद में उन्हें एहसास हुआ कि ये बैनर अवैध थे। उन्होंने कहा, “बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले में कहा गया है कि बिना पूर्व अनुमति के कोई भी बैनर या होर्डिंग नहीं लगाया जाना चाहिए।”
न्यायाधीश ओका ने कहा, “लेकिन इनमें से किसी भी होर्डिंग पर जरूरी अनुमति संख्या नहीं थी, जिससे ये अवैध हो गए। स्थानीय नगर निकाय को ऐसे बैनर हटाने के लिए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।”
क्यों एफआईआर हुई दर्ज?

हालांकि, कुछ ही घंटों के बाद काशीगांव पुलिस ने कोर्ट भवन के उद्घाटन से संबंधित अवैध होर्डिंग लगाने के लिए निनावे पर मामला दर्ज किया। अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र संपत्ति विरूपण रोकथाम अधिनियम के तहत उसके खिलाफ आरोप लगाए गए हैं।