रंगभरी एकादशी और होली को लेकर काशी विश्वनाथ धाम में भी तैयारियां चल रही हैं। मथुरा से बाबा के लिए उपहार भेजे गएं। इसी क्रम में सोनभद्र के वनवासी समाज के लोगों ने मंदिर परिसर में पारंपरिक आयोजन किए।
Rangbhari Ekadashi 2025 : रंगभरी एकादशी त्रिदिवसीय लोक उत्सव की शृंखला में इस वर्ष मंदिर के पारंपरिक पर्व को लोकमानस के और निकट लाने का प्रयास किया गया। 8 मार्च को बाबा विश्वनाथ एवं मां गौरा की चल प्रतिमा शास्त्रीय अर्चना के साथ मंदिर चौक में शिवार्चनम मंच के निकट तीन दिन के लिए विराजमान की गई।
रंगभरी उत्सव की इसी श्रृंखला में रविवार की सुबह मथुरा श्री कृष्ण जन्मस्थल से बाबा विश्वनाथ के लिए भेंट की गई अबीर एवं उपहार सामग्री तथा सोनभद्र से श्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे वनवासी समाज के भक्तों द्वारा राजकीय फूल पलाश से निर्मित हर्बल गुलाल को बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में अर्पित किया गया।
बाबा विश्वनाथ के हल्दी समारोह में विशेष रूप से मथुरा से आए भक्तगण, श्री कृष्ण जन्मस्थली से बाबा विश्वनाथ हेतु उपहार सामग्री लेकर आए भक्त, प्रसिद्ध इतिहासकार एवं लेखक विक्रम सम्पत, वनवासी समाज के भक्तों ने अपनी सहभागिता की।