दिल्ली में अपने ही महिलाओं की इज्जत तार-तार करने में लगे हुए हैं। वर्ष 2024 में महिलाओं के प्रति हुए अपराध में सिर्फ 0.58 फीसदी ही अजनबी थे। दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए काफी कदम उठाए हैं।
राष्ट्रीय राजधानी में महिलाएं अपनों के बीच ही सुरक्षित नहीं हैं। दिल्ली में अपने ही महिलाओं की इज्जत तार-तार करने में लगे हुए हैं। वर्ष 2024 में महिलाओं के प्रति हुए अपराध में सिर्फ 0.58 फीसदी ही अजनबी थे। दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए काफी कदम उठाए हैं।
अगर वर्ष 2023 के महिलाओं के प्रति अपराध के डाटा को देखें तो इस वर्ष 4867 महिलाओं के साथ आपराधिक वारदात हुईं। हालांकि वर्ष 2023 के मुकाबले वर्ष 2024 में महिलाओं के प्रति अपराध में काफी कमी देखी गई है। वर्ष 2023 के मुकाबले वर्ष 2024 में दुष्कर्म की घटनाओं में 3.04 प्रतिशत, छेड़छाड़ की घटनाओं में 13.13 प्रतिशत और महिलाओं की गरिमा को भंग करने के मामलों में 4.99 फीसदी की कमी आई है।
पुलिस महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध
दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त (अपराध) देवेश श्रीवास्तव ने बताया कि दिल्ली पुलिस महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। दिल्ली पुलिस ने महिलाओं को सुरक्षित करने के लिए काफी कदम उठाए हैं
महिलाओं की सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा की गईं पहल
- आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 100 को 112 से बदल दिया गया है। यह नंबर 24 घंटे 7 दिन काम करता है
- संकट में महिलाओं तक पहुंचने के लिए 24 घंटे की हेल्पलाइन 1091 चालू रहती है
- महिलाओं के पीछा करने के बारे में महिलाओं से आने वाली ऐसी सभी संकट कॉल्स को सीपीसीआर में एक विशेष एंटी-स्टॉकिंग समूह में बदल दिया जाता है, जो 24 घंटे 7 दिन काम करता है
- महिलाओं के लिए हिम्मत प्लस एसओएस एप को द्विभाषी बनाया गया है। पंजीकरण सरल है और केवल एप के माध्यम से ही संभव है
- बीपीओ को समय-समय पर यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए जाते हैं और उनकी समीक्षा की जाती है कि महिला कर्मचारियों को कैब ड्राइवर के साथ अकेले यात्रा नहीं करने दी जाए, साथ में गार्ड भी होना चाहिए
- दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के फेसबुक पेज और दिल्ली पुलिस के ट्विटर हैंडल को भी उपयोगकर्ताओं के लाभ के लिए ट्रैफिक अपडेट के साथ-साथ दिल्ली पुलिस के अन्य अपडेट प्रदान करने के लिए एप में जोड़ा गया है
- पंद्रह पुलिस नियंत्रण कक्ष वैन, जिनमें ड्राइवर से लेकर आई/सी वैन तक सभी महिला कर्मचारी हैं
- महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए मेट्रो स्टेशनों व रेलवे स्टेशनों पर विशेष जांच की जा रही है
- महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष पुलिस इकाई द्वारा वर्ष 2002 में आत्मरक्षा प्रशिक्षण शुरू किया गया है
- प्लेसमेंट एजेंसियों की पहचान यह सुनिश्चित करने के लिए की गई है कि उनका उपयोग मानव तस्करी जैसी अवैध गतिविधियों के लिए मोर्चों के रूप में न किया जाए
- नागरिक एजेंसियों को नियमित रूप से सड़कों की खराब रोशनी वाले हिस्सों के बारे में सूचित किया जा रहा है। नागरिक एजेंसियों से पार्किंग स्थलों, शॉपिंग मॉल आदि में सीसीटीवी, वेब कैम लगाने का भी अनुरोध किया गया है
- यातायात पुलिस ने टिंटेड ग्लास वाले सार्वजनिक परिवहन वाहनों, भीड़भाड़ वाले बस स्टैंड से यात्रियों को उठाने वाली अनधिकृत बसों और इन्कार या दुर्व्यवहार के लिए टीएसआर/टैक्सी चालकों के खिलाफ विशेष अभियान शुरू किया है
- पुलिस स्टेशनों में महिलाओं के लिए विशेष सहायता डेस्क
थानाध्यक्षों को ये आदेश दिए गए हैं
- स्कूलों व कॉलेजों के पास पुलिस की उपस्थिति
- बस स्टॉप, बाजारों, पार्कों में पुलिस की उपस्थिति
- अंधेरे व असुरक्षित क्षेत्रों की पहचान और पुलिस कर्मियों की तैनाती
- सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, असुरक्षित क्षेत्रों में प्रखर के साथ पीसीआर की संयुक्त गश्त
- स्कूटी पर महिला स्टाफ की गश्त, एंटी-इव टीजिंग ड्राइव