RG Kar Case: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के सात महीने बाद भी परिजन न्याय मिलने की आस लगाए बैठे हैं। मृतका की मां ने प्रधानमंत्री मोदी से मिलने की इच्छा जताई है, जिनसे वो इस मामले में उनकी अपील पर विचार करने की मांग करेंगी।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के सात महीने बाद भी उनके माता-पिता को न्याय का इंतजार है। इसी बीच मृतका की मां ने कहा कि वह और उनके पति अपनी बेटी के लिए न्याय मांगने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना चाहेंगे। शनिवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बोलते हुए, शोक संतप्त मां ने पश्चिम बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा पर भी सवाल उठाए है।
उन्होंने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री से मिलना चाहती हूं और उनसे इस मामले में हस्तक्षेप करने और हमारी मृतक बेटी के लिए न्याय की हमारी अपील पर विचार करने की अपील करना चाहती हूं।’ बता दें कि, पिछले साल 9 अगस्त को कोलकाता के सरकारी अस्पताल में 31 वर्षीय जूनियर डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया था।
सात महीने बाद भी न्याय का इंतजार
उन्होंने दावा किया, ‘हमारी बेटी ने बड़े सपने देखे थे और हमने कभी नहीं सोचा था कि उसे इस तरह मरना पड़ेगा। उसे हमें छोड़े हुए सात महीने हो गए हैं, लेकिन न्याय कहां है? हमारे पास मृत्यु प्रमाण पत्र भी नहीं है।’ उन्होंने सवाल किया, ‘अगर एक महिला डॉक्टर अपने कार्यस्थल पर असुरक्षित है, तो उसकी सुरक्षा कहां है?’
पक्ष-विपक्ष की प्रतिक्रिया
वहीं मृतका की मां के प्रधानमंत्री से मिलने की इच्छा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा विधायक अग्निमित्र पॉल ने कहा, ‘प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगने की एक प्रक्रिया होती है। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे प्रधानमंत्री उन्हें (माता-पिता को) कुछ समय देंगे और उनकी अपील सुनेंगे।’ इस पर तृणमूल कांग्रेस की नेता और राज्य की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा, ‘इस देश में किसी को भी प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगने और उनसे मिलने का अधिकार है। लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यह हमारी नेता ममता बनर्जी ही थीं जिन्होंने पहला कदम उठाया था और अपराधी को गिरफ्तार किया गया था।’
सत्र अदालत ने सुनाई है आरोपी को आजीवन कारावास की सजा
कोलकाता की एक सत्र अदालत ने 20 जनवरी को दुष्कर्म और हत्या मामले में दोषी कोलकाता पुलिस के नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सीबीआई और राज्य सरकार दोनों ने आरोपी के लिए मृत्युदंड की मांग करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 7 फरवरी को केंद्रीय जांच एजेंसी की इसी तरह की याचिका को स्वीकार करते हुए आरोपी को दी गई निचली अदालत की आजीवन कारावास की सजा को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की अपील को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था।