माझा की तरनतारन उपचुनाव से पहले समीकरण बदलने शुरू हो गए हैं। इस पंथक हलके में शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल पहले ही अपना उम्मीदवार मैदान में उतार चुके हैं।
अब अकाली दल के दोफाड़ होने के बाद नए बने अकाली दल के प्रधान ज्ञानी हरप्रीत सिंह अपनी हमख्याली पार्टी ‘वारिस पंजाब दे’ के साथ गठबंधन करके इस हलके से उम्मीदवार उतार सकते हैं, क्योंकि इस हलके से पहले संसद की सीट ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रधान भाई अमृतपाल सिंह बतौर सांसद जीत चुके हैं।
ज्ञानी हरप्रीत के प्रधान बनने के बाद अकाली और पंथक हलकों में यह चर्चा जोरों पर है कि अब दोनों शिरोमणि अकाली दल ही खुद को सही साबित करने के लिए पूरी ताकत लगाएंगे। इससे पहले शिरोमणि अकाली दल (बादल) की जो हालत थी, वह लोगों से छुपी नहीं है, लेकिन अब नया अकाली दल बनने के बाद हालात कैसे बनते हैं, यह समय बताएगा।