राजस्थान के राजसमंद ज़िले के आमेट उपखंड के सेलागुड़ा गांव में रक्षा बंधन के दिन (9 अगस्त) एक बेहद अनोखा और खुशियों से भरा संयोग देखने को मिला। यहां एक गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन आमेट पहुंचने से पहले ही उसने रास्ते में लड़के को जन्म दे दिया।
रास्ते में ही आई खुशखबरी
सेलागुड़ा निवासी महिला की डिलीवरी की तारीख नजदीक थी। परिजन उसे आमेट उपजिला अस्पताल ले जाने की तैयारी में थे। वन विभाग के कर्मचारी बाबूलाल कुमावत ने अपनी निजी गाड़ी से महिला को अस्पताल ले जाने का जिम्मा लिया। रास्ते में महिला को तेज प्रसव पीड़ा हुई और अस्पताल पहुंचने से पहले ही गाड़ी में बेटे का जन्म हो गया।
चार बहनों के घर आया भाई
इस बेटे के आने से घर में पहले से मौजूद चार बेटियों को रक्षा बंधन के दिन भाई का सबसे अनमोल तोहफा मिल गया। परिजनों ने बताया कि लंबे समय से घर में बेटे की कमी महसूस हो रही थी, लेकिन इस बार त्योहार के दिन भगवान ने उनकी मनोकामना पूरी कर दी। चारों बहनों की आंखों में खुशी के आंसू थे और पूरा परिवार भावुक हो उठा।
गांव में बना चर्चा का विषय
यह संयोग पूरे गांव में चर्चा का विषय बन गया। ग्रामीणों का कहना है कि रक्षा बंधन के दिन चार बहनों के घर भाई का जन्म होना एक बेहद खास और यादगार पल है, जिसे सालों तक याद रखा जाएगा।
अस्पताल में सुरक्षित मां और बेटा
जन्म के बाद बाबूलाल कुमावत तुरंत महिला और नवजात को आमेट उपजिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने दोनों को स्वस्थ पाया। फिलहाल मां और बेटा अस्पताल में भर्ती हैं और परिवार व गांववाले उन्हें देखने आ रहे हैं। यह घटना पूरे गांव के लिए खुशी और गर्व का अवसर बन गई है