राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर चुनाव आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। आयोग ने शुक्रवार को कहा कि अगर राहुल गांधी अपने आरोपों के पक्ष में हलफनामा देते हैं, तभी मामले की जांच की जाएगी। आयोग के सूत्रों ने कहा कि यदि राहुल अपने आरोपों को साबित नहीं कर पाते तो उन्हें देश से माफी मांगनी पड़ेगी।
गोली मारकर भागने’ जैसा रवैया न अपनाएं: चुनाव आयोग
चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि इस बार आयोग चाहता है कि राहुल गांधी नियमों के अनुसार घोषणापत्र और शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करें। आयोग ने राहुल गांधी को संबोधित करते हुए कहा, “आप हमेशा की तरह ‘गोली मारकर भाग जाने’ या ‘टक्कर मारकर भाग जाने’ वाला रवैया नहीं अपना सकते हैं।” आयोग का मानना है कि राहुल हमेशा चुनाव के बाद ही आरोप लगाते हैं, जबकि चुनाव के दौरान कोई शिकायत दर्ज नहीं कराते।
राहुल गांधी के आरोप क्या हैं?
गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में ‘वोटों की हेराफेरी’ का आरोप लगाया था। उन्होंने एक PPT के माध्यम से दावा किया कि कर्नाटक के एक विधानसभा क्षेत्र में पाँच तरह से हेराफेरी करके एक लाख से ज़्यादा वोट ‘चुराए’ गए। राहुल ने कहा कि यह ‘वोट चोरी’ हमारे लोकतंत्र पर ‘एटम बम’ के समान है।
कर्नाटक के महादेवपुरा में वोटों की हेराफेरी का आरोप
राहुल गांधी ने बताया कि कांग्रेस ने बेंगलुरु मध्य लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र के वोटों का विश्लेषण किया है। उनके मुताबिक 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने बेंगलुरु मध्य सीट पर 6,58,915 वोट हासिल किए जबकि जीत-हार का अंतर 32,707 वोटों का था। महादेवपुरा में कांग्रेस को 1,15,586 और भाजपा को 2,29,632 वोट मिले थे। राहुल ने आरोप लगाया कि महादेवपुरा में 1,00,250 वोटों की हेराफेरी हुई, जिसमें डुप्लीकेट और फ़र्ज़ी मतदाता शामिल थे। हालांकि,चुनाव आयोग ने राहुल के इन दावों को भ्रामक बताया है।