मोबाइल फोन खंड के शानदार प्रदर्शन की मदद से भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 47 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ 12.4 अरब डॉलर हो गया। इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) ने बृहस्पतिवार को बयान में कहा कि पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 8.43 अरब डॉलर रहा था। जून तिमाही में मोबाइल फोन निर्यात में सबसे तेज बढ़त दर्ज की गई।
मोबाइल फोन का निर्यात 55 प्रतिशत बढ़कर करीब 7.6 अरब डॉलर पर पहुंच गया जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 4.9 अरब डॉलर था। वहीं, गैर-मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक्स श्रेणी के निर्यात में 37 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह साल भर पहले के 3.53 अरब डॉलर से बढ़कर 4.8 अरब डॉलर हो गया। गैर-मोबाइल श्रेणी के प्रमुख उत्पादों में सौर मॉड्यूल, नेटवर्किंग उपकरण, चार्जर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जे शामिल हैं। आईसीईए के चेयरमैन पंकज मोहिंद्रू ने कहा, ‘‘यह एक रणनीतिक राष्ट्रीय उपलब्धि है। अब असली चुनौती वैश्विक प्रतिस्पर्धा, टिकाऊ वृद्धि और गहरे मूल्यवर्धन की तरफ कदम बढ़ाने की है।”
मोहिंद्रू ने कहा कि उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी हार्डवेयर, पहने जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और ईयरफोन के निर्यात में तेजी लाने की जरूरत है। आईसीईए का अनुमान है कि मौजूदा रफ्तार जारी रहने पर वित्त वर्ष 2025-26 के अंत तक देश का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 46 से 50 अरब डॉलर के बीच पहुंच सकता है। पिछले एक दशक में भारत में कुल इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन 2014-15 के 31 अरब डॉलर से बढ़कर 2024-25 में 133 अरब डॉलर हो चुका है।