प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए संसदीय दल की बैठक को संबोधित करेंगे। यह कोई सामान्य बैठक नहीं, बल्कि उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने से ठीक पहले बुलाई गई महत्वपूर्ण बैठक है।उपराष्ट्रपति चुनाव के नामांकन की शुरुआत 7 अगस्त से हो रही है, जबकि उम्मीदवार की घोषणा की अंतिम तिथि 21 अगस्त है। NDA को निर्वाचक मंडल में अपनी बहुमत स्थिति (782 सांसदों में लगभग 425 NDA सांसद) के कारण अपना उम्मीदवार चुनने में आसानी होगी। इसलिए इस बैठक की रणनीतिक महत्ता है।
बैठक में संभावित चर्चा के विषय
- उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार—चर्चा होगी कि भाजपा किसे अपनी ओर से मैदान में उतारेगी।
- संसदीय सत्र की स्थिति—भारी विपक्षी प्रदर्शन, बिहार की मतदाता सूची (SIR) और संसद की कार्यवाही पर फर्क पहचाना जा रहा है।
- बेहद महत्वपूर्ण मुद्दे—पहलगाम आतंकी हमला, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और विपक्ष के आरोपों पर पीएम मोदी का रुख स्पष्ट हो सकता है।
पीएम मोदी और NDA की रणनीतिक भूमिका
इसका उद्देश्य NDA के सांसदों को संरक्षण और एकजुटता का संदेश देना है, खासकर दलों जैसे JD(U), TDP, LJP आदि को भी आमंत्रित किया गया है। मोदी अक्सर इस बैठक में सांसदों को सार्वजनिक बोलने की रणनीति, क्षेत्रीय मुद्दों को प्रमुखता देने और पार्टी लाइन का पालन करने के लिए दिशा-निर्देश देते हैं।
PMO के निर्देश?
बैठक को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने संकलित रूप में देखा जाएगा। हाल के दौर की राजनीति में, PM के रुख से संसदीय दल की दिशा और राजनीतिक संदेश तय होते हैं। यदि विपक्ष भी उम्मीदवार घोषित करता है, तो चुनाव 9 सितंबर को होना तय है।