अब डाकघर जाकर बैंकिंग करने के लिए न तो अंगूठे की पहचान की जरूरत होगी और न ही ओटीपी की झंझट… इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने देशभर में आधार आधारित फेस ऑथेंटिकेशन सेवा की शुरुआत कर दी है, जिससे अब ग्राहक केवल अपने चेहरे से ही खाता खोल सकेंगे, बैलेंस देख पाएंगे, पैसे भेज सकेंगे और बिल का भुगतान भी कर सकेंगे।
किन लोगों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा?
यह सेवा उन लोगों के लिए खासतौर पर उपयोगी होगी जो अब तक अंगूठे की पहचान या ओटीपी सिस्टम से जुड़ी तकनीकी दिक्कतों से जूझते थे। बुजुर्गों, दिव्यांगों, और दूरदराज़ के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों के लिए यह तकनीक बैंकिंग को बेहद आसान बना देगी।
तकनीक की खासियत क्या है?
फेस ऑथेंटिकेशन सिस्टम को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के मानकों पर विकसित किया गया है। यह पहल डिजिटल इंडिया अभियान को मजबूत करने के साथ-साथ एक ऐसा सिस्टम तैयार करती है जो पूरी तरह संपर्करहित (contactless) और सुरक्षित है।
कितने डाकघरों में मिलेगी यह सुविधा?
IPPB के अनुसार, यह सेवा जल्द ही पूरे देश के 1.6 लाख डाकघरों और 3 लाख से अधिक पोस्टल कर्मियों के जरिए ग्राहकों तक पहुंचाई जाएगी। यह कदम ‘आपका बैंक, आपके द्वार’ मिशन के तहत वित्तीय समावेशन (financial inclusion) को और गहरा करने की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन है।महामारी जैसे हालात में क्यों है ये जरूरी?
महामारी या किसी भी स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति में जब शारीरिक संपर्क से बचना अनिवार्य हो जाता है, उस समय यह फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक बेहद कारगर सिद्ध होगी। इससे न सिर्फ लेनदेन तेज और आसान होगा, बल्कि बैंकिंग सेवाएं सभी के लिए अधिक सुलभ और सुरक्षित बनेंगी।