इजराइल के दक्षिणपंथी मंत्री अल अक्सा मस्जिद के परिसर पहुंचे दीर अल-बलाह (गाजा पट्टी), तीन अगस्त (एपी) इजराइल के एक दक्षिणपंथी मंत्री रविवार को यरुशलम के सबसे संवेदनशील धार्मिक स्थल अल अक्सा मस्जिद के परिसर पहुंचे और वहां प्रार्थना की जिसके बाद आशंका जताई जा रही है कि यह कदम तनाव को और बढ़ा सकता है। उनकी यात्रा ऐसे समय हुई जब गाजा के अस्पताल प्रबंधनों ने खाने के लिए दर-दर भटकने को मजबूर 27 और फिलीस्तीनियों की इजराइली सेना द्वारा गोलीबारी में मौत की सूचना दी है।इजराइल की दुनियाभर में आलोचना
गाजा पट्टी में भुखमरी जैसी हालत को लेकर पहले ही इजराइल की दुनियाभर में आलोचना हो रही है। ऐसे में मंत्री इतमार बेन-गवीर का इस पवित्र स्थल पर जाना अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों की उन कोशिशों को नुकसान पहुंचा सकता है, जिनका मकसद गाजा में लगभग दो साल से जारी सैन्य संघर्ष को रोकना है। उनकी यात्रा की फलस्तीनी नेताओं के साथ-साथ जॉर्डन और सऊदी अरब ने भी निंदा की। जॉर्डन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एवं अल-अक्सा मस्जिद के संरक्षक साफियान अलकजाह ने इजराइल के मंत्री के इस कदम की निंदा की और इजराइल से तनाव बढ़ने से रोकने को कहा। जॉर्डन और हमास ने इस कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।अल-अक्सा मस्जिद क्यों खास ?
अल-अक्सा मस्जिद मुसलमानों के लिए इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल मानी जाती है। वहीं यहूदियों के लिए यह जगह ‘टेम्पल माउंट’ के नाम से जानी जाती है, जहां बाइबिल काल के दो बड़े मंदिर होने की मान्यता है। यह इलाका ईस्ट यरुशलम में है, जिसे इजरायल ने 1967 के युद्ध में जॉर्डन से कब्जाया था।पुराने समझौते के मुताबिक, यहूदियों को इस परिसर में घूमने की इजाजत है लेकिन वे यहां पूजा या कोई धार्मिक अनुष्ठान नहीं कर सकते। लेकिन बेन-गवीर ने पुलिस सुरक्षा में न सिर्फ दौरा किया बल्कि खुलेआम पूजा भी की। इसके फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं।
इतामार बेन-गवीर कौन हैं?
बेन-गवीर कट्टरपंथी यहूदी विचारधारा के नेता माने जाते हैं। वे पहले भी अल-अक्सा परिसर जाते रहे हैं लेकिन मंत्री बनने के बाद यह पहली बार है जब उन्होंने वहां खुलकर पूजा की है। इससे यह संदेश गया कि इजरायल धीरे-धीरे पुराने समझौते को तोड़ रहा है।
जॉर्डन और हमास नाराज़
अल-अक्सा मस्जिद परिसर का आधिकारिक संरक्षक जॉर्डन है। उसने तुरंत कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह हरगिज़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमास ने इसे फिलिस्तीनियों पर नए तरह का हमला बताया। फिलिस्तीनी अथॉरिटी ने कहा कि इजरायल ने ‘रेड लाइन’ पार कर दी है।कई इजरायली मंत्री पहले भी इस जगह का दौरा कर चुके हैं, लेकिन उन्होंने कभी खुलेआम प्रार्थना नहीं की थी। बेन-गवीर पहले मंत्री हैं जिन्होंने सार्वजनिक रूप से पूजा की है यही वजह है कि विवाद और भी बड़ा हो गया है।