3 अगस्त, 2025 को रूस के कामचटका प्रायद्वीप में स्थित क्रेशेनिनिकोव ज्वालामुखी ने 600 साल बाद अपनी पहली बड़ी विस्फोटक गतिविधि दिखाई। इस विस्फोट ने राख के विशाल गुबार को 6 किलोमीटर (19,700 फीट) तक हवा में उड़ा दिया, जिससे पूरे क्षेत्र में हलचल मच गई। इस घटना को भूकंपीय गतिविधि और ज्वालामुखीय विस्फोटों के बीच गहरे संबंध के रूप में देखा जा रहा है।
कामचटका प्रायद्वीप में आए बड़े भूकंप का प्रभाव
3 अगस्त को क्रेशेनिनिकोव ज्वालामुखी के फटने के कुछ ही दिनों बाद, कामचटका प्रायद्वीप में एक बहुत शक्तिशाली 8.8 तीव्रता का भूकंप आया था। यह भूकंप 29 जुलाई, 2025 को आया था और दुनिया भर में इसका प्रभाव महसूस हुआ। इस भूकंप के कारण कई शक्तिशाली aftershocks और मिनी भूकंप भी हुए, जिनमें एक 6.8 तीव्रता का भूकंप 3 अगस्त को सुबह 5:37 UTC पर हुआ। Olga Girina, जो कि कामचटका ज्वालामुखी विस्फोट प्रतिक्रिया दल (KVERT) की प्रमुख हैं, ने इस भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट के बीच संबंध को स्पष्ट किया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि भूकंप ने ज्वालामुखी के विस्फोट को प्रेरित किया है, हालांकि यह अब तक की सबसे महत्वपूर्ण घटना है, क्योंकि 600 वर्षों में पहली बार क्रेशेनिनिकोव ज्वालामुखी फटा।
क्रेशेनिनिकोव ज्वालामुखी का ऐतिहासिक महत्व
क्रेशेनिनिकोव ज्वालामुखी एक सक्रिय ज्वालामुखी है, जो कामचटका प्रायद्वीप की पूर्वी सीमा में स्थित है। यह ज्वालामुखी 1463 में अंतिम बार सक्रिय हुआ था, और तब से कोई विस्फोट नहीं हुआ था। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह ज्वालामुखी प्लेइस्टोसिन काल के दौरान बने दो अतिव्यापी स्ट्रैटोज्वालामुखियों से मिलकर बना है। इसका शिखर 1,816 मीटर (1.1 मील) ऊंचा है, और यह रूस के सबसे सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्रों में से एक माना जाता है।
ज्वालामुखी विस्फोट के कारण आस-पास की उड़ानों पर प्रभाव
इस विस्फोट के कारण, राख का गुबार समुद्र तल से लगभग 6 किमी तक पहुंचने के कारण आस-पास के विमानों के लिए खतरा बढ़ गया है। हालांकि, अवधि क्षेत्र में कोई भी बसा हुआ इलाका नहीं है, फिर भी फ्लाइट्स के लिए बढ़ते जोखिम को देखते हुए, विमानन रंग कोड को पीला किया गया है। इसका मतलब है कि यहां पर उड़ान संचालन को लेकर जोखिम और चेतावनी जारी की गई है।
भूकंप के बाद बढ़ी ज्वालामुखीय गतिविधि
क्रेशेनिनिकोव ज्वालामुखी में विस्फोट के बाद, कामचटका के क्लुचेवस्कॉय ज्वालामुखी में भी विस्फोटक गतिविधि देखी गई थी। 17 से 30 जुलाई तक, क्लुचेवस्कॉय ज्वालामुखी में महत्वपूर्ण विस्फोटक गतिविधियां दर्ज की गईं। वैज्ञानिकों ने 19 जुलाई को इसके क्रेटर में चमकदार चमक भी देखी थी, जो इसके सक्रिय होने का संकेत था। इस प्रकार, यह घटना कामचटका क्षेत्र में ज्वालामुखीय सक्रियता की बढ़ती स्थिति को दर्शाती है।
क्या आगे और विस्फोट की संभावना है?
कामचटका क्षेत्र में आने वाले समय में और ज्वालामुखीय विस्फोटों की संभावना हो सकती है, क्योंकि इस क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं। रूस के आपातकालीन स्थिति मंत्रालय (EMERCOM) और KVERT दोनों ने इस क्षेत्र में लगातार निगरानी रखने का वादा किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस क्षेत्र में भूकंप और ज्वालामुखीय गतिविधियां एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसीलिए, भविष्य में अन्य विस्फोटों के लिए भी तैयार रहना होगा।