इसके अलावा 54.19 लाख रुपये संचालन के लिए स्वीकृत किए गए हैं। इसमें केंद्रांश के 22.44 लाख रुपये भी शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि योजना स्वीकृति के बाद विभाग ने इस वर्ष के अंत तक भवन निर्माण करने का लक्ष्य रखा है।
इन केंद्रों पर शून्य से छह वर्ष के बच्चों, गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं के जीवन स्तर को बेहतर बनाने, स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सुधार तथा कुपोषण से बचाव के लिए छह प्रकार की सेवाएं दी जाएंगी।
सरकार की कोशिश है कि पोषण एवं स्वास्थ्य स्तर में सुधार कर बच्चों की मृत्युदर में कमी लाई जाए एवं बच्चों का मनोवैज्ञानिक एवं मानसिक स्तर विकसित किया जा सके।