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नई दिल्ली
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के लापता छात्र नजीब अहमद के मामले में अदालत 30 जून को सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर फैसला सुना सकती है। सीबीआई ने ये रिपोर्ट वर्ष 2018 में दाखिल की थी, जिसमें कहा गया था कि नजीब की तलाश में कोई ठोस सुराग नहीं मिला।
राउज एवेन्यू स्थित अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट ज्योति महेश्वरी ने सीबीआई से कुछ स्पष्टीकरण मांगे और उसके बाद अगली सुनवाई के लिए 30 जून की तारीख तय की है। कोर्ट उक्त तारीख को न केवल सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर विचार करेगी, बल्कि नजीब की मां फातिमा नफीस द्वारा दाखिल विरोध याचिका पर भी निर्णय देगी।
नजीब अहमद 15 अक्टूबर 2016 को जेएनयू के माही-मांडवी हॉस्टल से लापता हो गया था। इससे एक दिन पहले उसका अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीपीवी) से झगड़ा हुआ था।
मामले की शुरुआत में जांच दिल्ली पुलिस ने की थी, लेकिन बाद में यह सीबीआई को सौंप दिया गया। वर्ष 2018 में सीबीआई ने जांच बंद करने की अनुमति दिल्ली हाईकोर्ट से प्राप्त कर, कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी थी।
नजीब की मां फातिमा नफीस के अधिवक्ता ने कोर्ट में दलील दी थी कि यह मामला पूरी तरह राजनीतिक है और सीबीआई ने अपने आकाओं के दबाव में आकर निष्पक्ष जांच नहीं की।