दरअसल, ऐसे व्यक्तियों के मामले आ रहे हैं जो जो फर्जी आधार कार्ड के साथ भारत में अनधिकृत रूप से रह रहे हैं और रोजगार तथा यात्रा सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिए पहचान प्रमाण के रूप में उनका उपयोग कर रहे हैं। आधार कार्ड के दुरुपयोग और छद्म पहचान को रोकने के लिए पहचान सत्यापन तंत्र को मजबूत करना आवश्यक हो गया है। टिकट दलाल भी फर्जी आधार कार्ड बनाकर कन्फर्म टिकट की बिक्री कर रहे हैं।
तत्काल टिकट बुकिंग के लिए भी होगा आधार का सत्यापन

रेलवे ने ऑनलाइन माध्यम से आटोमेटेड टूल का इस्तेमाल कर टिकट बुकिंग करने वाले लोगों के खिलाफ भी अभियान छेड़ दिया है। इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग किया जा रहा है। तत्काल टिकट बुकिंग के लिए भी अब आधार का सत्यापन होगा।
रेलवे द्वारा विकसित किए गए विशेष सॉफ्टवेयर के माध्यम से पिछले छह महीने में 2.4 करोड़ से अधिक यूजर्स को डीएक्टिवेट करते हुए ब्लाक किया गया है। करीब 20 लाख दूसरे अकाउंट को भी संदिग्ध पाया गया है, जिनके आधार एवं दूसरे डॉक्यूमेंट की जांच की जा रही है।
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आइआरसीटीसी) की वेबसाइट पर अभी 13 करोड़ से ज्यादा एक्टिव सब्सक्राइबर हैं, जिनमें आधार प्रमाणित अकाउंट की संख्या 1.2 करोड़ है। आइआरसीटीसी ने उन सभी अकाउंट की विशेष जांच का फैसला लिया है, जो आधार से अधिकृत नहीं है। संदिग्ध पाए जाने पर अनधिकृत खातों को बंद करने का फैसला किया जाएगा। जिस अकाउंट होल्डर द्वारा अपने खाते को आधार से लिंक कर दिया जाएगा, उन्हें तत्काल बुकिंग के पहले 10 मिनट में प्राथमिकता हासिल होगी।
आइआरसीटीसी के अधिकृत एजेंटों को भी तत्काल विंडो ओपन होने के पहले 10 मिनट में सिस्टम पर टिकट बुकिंग की इजाजत नहीं है। ऐसे में आइआरसीटीसी अकाउंट का सत्यापन आधार से करना जरूरी हो गया है।