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वाराणसी
हरिश्चंद्र घाट का पुनर्विकास जारी है। कार्यदायी एजेंसी का दावा है कि बाढ़ में भी यहां काम नहीं रुकेगा। बाढ़ से पहले यहां 1.25 करोड़ खर्च कर रिटेनिंग वाल तैयार करा लिया जाएगा। यह वाल 13 मीटर ऊंची व 70 मीटर लंबी होगी। इससे बाढ़ का पानी निर्माण को प्रभावित नहीं कर पाएगा।
इस साल के अंत तक परियोजना पूर्ण करने का प्रयास है। महाश्मसान मणिकर्णिका घाट पर पाइलिंग का कार्य चल रहा है। इस घाट पर कुल 210 पाइलिंग की जानी है लेकिन बरसात से पहले 56 पाइलिंग हो पाएगी।
जमीन के नीचे अधिक मात्रा में लकड़ी, कपड़ा होने की वजह से कार्य में देरी हो रही है। पाइलिंग बाद 28 दिन टेस्टिंग में जाएगा, इसलिए बाढ़ में यहां कार्य प्रभावित होगा लेकिन बाढ़ बाद तेजी आएगी।
हरिश्चंद्र घाट के पुनर्विकास में अब तक कई बाधाएं आईं। सबसे पहले यहां 11 केवीए लाइन शिफ्टिंग सबसे बड़ी बाधा रही। हालांकि यह समस्या दूर हो चुकी है। यूपीपीसीएल को 84 लाख 88 हजार 454 रुपये भुगतान एजेंसी की ओर से किया गया लाइन शिफ्टिंग पूर्ण हुआ।
इसके बाद बजट का संकट रहा। बहरहाल, अब ओपेन एरिया में पाइलिंग लगभग पूर्ण है। हरिश्चंद्र घाट के पुनर्विकास पर कुल 19 करोड़ 60 लाख रुपये खर्च होने है। यह धनराशि जिंदल ग्रुप यानी जेएसडब्ल्यू फाउंडेशन की ओर से खर्च किया जा रहा है।
शव स्थल तक कभी नहीं आएगा पानी
बाढ़ को देखते हुए हरिश्चंद्र घाट का निर्माण सड़क मार्ग से 1.8 मीटर ऊपर रखा गया है। सीढ़ियां भले ही डूब जाएंगी पर हरिश्चंद्र घाट के शव स्थल तक पानी आसानी से नहीं पहुंच सकेगा। दाह संस्कार के अलावा घाट पर ही पंजीकरण कक्ष, सामुदायिक वेटिंग एरिया, हाल, सामुदायिक शौचालय, रैंप, स्टोर रूम, कोर्ट यार्ड, सर्विस एरिया, अपशिष्ट संग्रह की व्यवस्था, सड़़क आदि निर्माण होने हैं।
हरिश्चंद्र घाट
- जिंदल ग्रुप सीएसआर फंड का 19.60 करोड़ कर रहा खर्च
- 13,250 वर्ग फीट क्षेत्र में होना है हरिश्चंद्र घाट का पुनर्विकास
- सड़क मार्ग से 1.8 मीटर ऊपर शवदाह स्थल, कवर्ड एरिया में जलेंगे शव
- जिंदल ग्रुप सीएसआर फंड से निर्माण पर कुल खर्च करेगा 19.60 करोड़ रुपये
- कार्यदायी संस्था ब्रिजटेक इंफ्राविज़न प्राइवेट लिमिटेड, नगर निगम के जिम्मे पर्यवक्षेण
- डिजाइनर एडिफाइस(मुंबई)
मणिकर्णिका घाट
- एक हाल में पत्थरों से बने 32 शवदाह गृह (क्रेमाटोरियम)
- ऊर्जा गैस इक्विपमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड एजेंसी लगाएगी चिमनी
- मणिकर्णिका कुंड, रत्नरेश्वर महादेव मंदिर भी संवरेगा।
- पर्यटकों के लिए अलग से विजिटर मार्ग होगा।
- भूतल पर पंजीकरण कक्ष, लकड़ी भंडारण क्षेत्र, प्रतीक्षा कक्ष
- दो सामुदायिक शौचालय, हरित क्षेत्र भी होगा डेवलप
- रूपा फाउंडेशन के सीएसआर फंड का खर्च होगा 18.90करोड़
- भू-तल का कुल क्षेत्रफल 29.350 वर्ग फीट
- दाह संस्कार का क्षेत्रफल 12,250 वर्गफीट
- प्रथम तल कुल क्षेत्रफल 20, 200 वर्गफीट
- कार्यदायी संस्था बीआइपीएल