हमलावर पंचम वहां पर भी पहुंच गया। यहां उसने रामश्री की दोबारा फिर दो गोली मारी। जब वह मर गई तो तमंचा के बट से उसका मुंह कुचल दिया। फिर बाइक छोड़कर फरार हो गया।
यह घटना देख झोपड़ी में खाना बना रही इस्माइल की पुत्री गुलशन चीखती हुए बाहर निकली। शोर सुनकर आसपास के लोग आ गए। रामश्री के पति और पुत्र भी मौके पर पहुंचे। घटना से नाराज होकर बिलग्राम कन्नौज मार्ग पर जाम लगा दिया।
उनका कहना था कि बिना किसी रंजिश के पंचम ने दबंगई दिखाते हुए हत्या की है। उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
थाना प्रभारी बालेंद्र मिश्र ने समझाने का प्रयास किया पर ग्रामीण नहीं मानें। आरोपित की बाइक में तोड़फोड़ करते हुए उसे जलाने का प्रयास करने लगे। पुलिस ने बाइक को कब्जे में ले लिया।
एएसपी एमपी सिंह, सीओ रवि प्रकाश, एसडीएम बिलग्राम पूनम भास्कर ने ग्रामीणों को समझा बुझाकर जाम खुलवाया। पुलिस ने मृतका के पति सूरजबली की तहरीर पर आरोपित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
आरोपित पंचम ने 10 अप्रैल 1999 को तेरवा कुल्ली के प्रधान रामसिंह की हत्या की थी, जिसमें उसे आजीवन कारावास की सजा हुई थी। कुछ वर्ष पहले ही वह जमानत पर छूटकर आया था।
पहले तो हत्या का कोई कारण ही समझ में नहीं आया, लेकिन शाम को पुलिस ने जब गिरफ्तार कर लिया तो उसने बताया कि उसे शक था कि रामश्री ने उसके ऊपर जादू टोना कर दिया है, जिससे वह काफी परेशान रहा और उसी की नाराजगी में उसने रामश्री की गोली मारकर हत्या कर दी।