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पूर्णिया
बाहर से थक-हार कर लौटे एक पति को पत्नी द्वारा कहे एक गलत शब्द ने विवाद को इस कदर बढ़ा दिया कि बात दूसरी शादी तक पहुंच गई। मारपीट तो हुआ ही, पूरा परिवार ही गहरे विवाद में उलझा गया। पत्नी घर उजड़ता देख पुलिस अधीक्षक के दरबार में आवेदन दिया और फिर मामला पुलिस परिवार परामर्श केंद्र तक पहुंचा।
यह मामला कसबा थाना क्षेत्र का है। केंद्र में सुनवाई के दौरान यह बात स्पष्ट हो गई कि पत्नी का व्यवहार पूरी तरह अनुचित था और जिस शब्द का उसने प्रयोग किया, वह कतई सही नहीं था। बाद में पति व अन्य जो किया, वह भी अनुचित था। केंद्र के सदस्यों के समझाने पर दोनों पक्षों को अपनी गलती का का एहसास हुआ और फिर दोनों के बीच का विवाद भी समाप्त हो गया।
मीरगंज थाना की एक महिला का आरोप था कि जब पति घर पर नहीं रहता है तब देवर गंदी-गंदी गाली देता है और मारपीट करता है। यहां तक कि मेरी सास, ससुर एवं गोतनी सभी मारपीट करते हैं। काफी समझाने बुझाने के बाद देवर ने अपनी भाभी को विश्वास दिलाया कि अब से ऐसा कुछ नहीं होगा।
अगर ऐसा कुछ घटित हुआ तो इसके लिए वह कानूनी रूप से दोषी समझा जाएगा। इस आशय का बंध पत्र बनाया गया और विवाद का निपटारा कर दिया गया।
पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में कुल 32 मामलों की सुनवाई हुई। इसमें आठ मामलों का निष्पादन किया गया। पांच मामलों में पति-पत्नी को समझा बूझकर उनका घर बसा दिया गया। तीन मामले में दोनों पक्षों के जिद पर अड़े रहने के कारण उन्हें थाना अथवा न्यायालय जाने की सलाह दी गई।
मामले को सुलझाने में केंद्र के सदस्य सह अधिवक्ता दिलीप कुमार दीपक, जीनत रहमान, रविंद्र शाह, प्रमोद जायसवाल, नारायण गुप्ता व गीता कुमारी ने अहम भूमिका निभायी।