केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि भारी बारिश के कारण राज्य की विभिन्न नदियों – पथनमथिट्टा में मणिमाला और अचनकोविल, कोट्टायम में मीनाचिल, कोझीकोड में कोरापुझा और वायनाड जिलों में कबानी – में जल-स्तर लगातार बढ़ रहा है। इन नदियों के किनारे रहने वालों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। 40 से 60 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं।

केरल के छह जिलों में आरेंज अलर्ट

भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र ने तटीय क्षेत्रों में मछुआरों और अन्य लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है क्योंकि शुक्रवार रात 8.30 बजे तक केरल के तटों पर 1.2 से 3.7 मीटर की ऊंची लहरें आने की संभावना है।

गुरुवार को भी मौसम विभाग ने पथानामथिट्टा, कोट्टायम, एर्नाकुलम, इडुक्की, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिलों में रेड अलर्ट और शेष छह जिलों में आरेंज अलर्ट जारी किया था।

महाराष्ट्र में पांच दिनों में 16 लोगों की मौत

राज्य सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच दिनों में भूस्खलन, बिजली गिरने, पेड़ या संरचना गिरने जैसी बारिश से जुड़ी घटनाओं के कारण महाराष्ट्र में 16 लोगों की मौत हो गई है। साथ ही, 41 मवेशियों की भी जान चली गई है

इस साल मानसून के समय से पहले आने के कारण महाराष्ट्र में 24 मई से ही भारी बारिश हो रही है। इसके कारण राज्य के लगभग सभी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। पुणे जिले में तीन लोगों की मौत हुई। ठाणे, लातूर और भंडारा में दो-दो मौतें हुईं। रिपोर्ट में कहा गया है कि रायगढ़, अहिल्यानगर, नागपुर, वर्धा, चंद्रपुर, मुंबई उपनगरीय और गोंदिया जिलों में एक-एक मौत दर्ज की गई।