शासन का मानना है कि शिक्षा एक संवेदनशील विषय है और निजी विश्वविद्यालयों को व्यवसायिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि सेवा और गुणवत्ता के दृष्टिकोण से संचालित किया जाना चाहिए। यही वजह है कि अब इन संस्थानों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए निगरानी को मजबूत किया जा रहा है।