मुखिया की पत्नी और पिता ने करीब 60 लाख रुपये से अधिक का अस्पष्ट निवेश किया। इसके आलोक में जुर्माना भी लगाया गया।
मुख्य आयुक्त ने कहा कि मुखिया और उनके परिवार के द्वारा आय से अधिक संपत्ति अर्जित किए जाने से संबंधित अनियमितता उजागर हुई है। इसकी विस्तृत और उच्च स्तरीय जांच करने की आवश्यता जताई। नकद में सपंत्ति खरीदकर वह देय स्टांप शुल्क के भुगतान से भी बच रहे हैं। इससे राज्य सरकार को राजस्व की क्षति हो रही है।