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दिल्ली
खेलते समय खिलौने की बैटरी नाक में फंसने के बाद पांच साल के बच्चे की जान पर बन आई। नाक के दाहिने हिस्से में बैटरी फंसने के कारण बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होने लगी।
रोहिणी स्थित बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल के चिकित्सकों ने आपरेशन कर नाक से बैटरी निकाली और बच्चे की जांच बचाई। आपरेशन करने वाले चिकित्सक ने बताया है कि बैटरी के भीतर द्रव्य लीक होना शुरू हो गया था। कुछ घंटे अगर और लेट हो जाते तो बच्चे की जान का जोखिम बढ़ जाता।
नाक के पिछले हिस्से में पहुंच गई बैटरी
नजफगढ़ का रहने वाला पांच साल के बच्चे ने खेलते समय खुद ही अपने नाक में खिलौने की बैटरी (छोटे आकार) डाल ली। इसी दौरान बैटरी खिसक कर नाक के पिछले हिस्से में पहुंच गई। तकलीफ बढ़ने पर बच्चे के अभिभावक नजदीकी अस्पताल ले गए, जहां उन्हें सही इलाज नहीं मिला।
बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल के ईएनटी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पंकज कुमार ने बताया कि बच्चे काे सांस लेने में परेशानी के साथ-साथ नाक से खून भी बह रहा था। बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए तुरंत आपरेशन किया गया। लगभग 40 मिनट चले आपरेशन के बाद नाक से बैटरी बाहर निकाली।
अभिभावकों को किया आगाह
डॉ. पंकज कुमार ने बताया कि बैटरी से निकले खतरनाक रसायन के कारण टिश्यू को नुकसान पहुंचा। बच्चा पूरी तरह से ठीक है और उसे बृहस्पतिवार को छुट्टी दे दी गई। उन्होंने अभिभावकों को आगाह किया कि वे छोटे बच्चों को ऐसे खिलौने के न दें, जिसके हिस्से नुकसान पहुंचा सकते हैं। मूंगफली के दाने, सिक्के, बटन, पैंसिल जैसी वस्तुओं से बच्चों को दूर रखें।