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गोरखपुर
गोरखपुर-वाराणसी फोरलेन के किनारे ताल नदौर में इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण गोरखपुर समेत पूरे पूर्वांचल के खेल प्रेमियों के लिए न एक सुनहरा अवसर है, बल्कि इससे पूरे क्षेत्र के सामाजिक, आर्थिक और शहरी विकास की तस्वीर ही बदल जाने की संभावना है। सरकार की यह पहल गोरखपुर के शहरी परिदृश्य को पुनर्परिभाषित करेगा।
50 एकड़ भूमि पर 236 करोड़ की लागत से प्रस्तावित 30 हजार लोगों की क्षमता वाले इस स्टेडियम के बनने से शहर का दायरा कौड़ीराम तक बढ़ जाएगा। अभी तक गोरखपुर शहर की पहचान गोरक्षनगरी, गीता प्रेस, रामगढ़ताल, पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय और एयरपोर्ट क्षेत्र आदि तक ही सीमित है, लेकिन अब यह स्टेडियम भी गोरक्षनगरी की नई पहचान बनेगा।
दशकों से विकास से अछूते ताल नदौर और उसके आस-पास के पूरे क्षेत्र में अब नगर नियोजन, सड़क चौड़ीकरण, और आवासीय व व्यावसायिक योजनाएं विकसित हो सकेंगी। स्टेडियम के संचालित होते ही ट्रैफिक, परिवहन, बाजार, और अन्य सुविधाएं बढ़ने से यह इलाका शहरीकरण की ओर तेज़ी से अग्रसर होगा।
बढ़ जाएंगी भूमि की दरें
स्टेडियम निर्माण का सीधा असर भूमि बाजार पर पड़ेगा। फोरलेन और स्टेडियम के आसपास की भूमि काफी महंगी हो जाने की उम्मीद है। अभी जो खेत, बंजर या कम मूल्य की भूमि है, वह आने वाले कुछ ही वर्षों में लाखों-करोड़ों की संपत्ति बन सकती है। इससे स्थानीय किसान और भूमि मालिक आर्थिक रूप से सशक्त हो सकेंगे। करीब पांच साल पहले गोरखपुर-वाराणसी फोरलेन किनारे इसी क्षेत्र में इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सुगबुगाहट मात्र से शहर के कई रियल एस्टेट कारोबारियों, जनप्रतिनिधियों ने इस क्षेत्र की भूमि में बड़ा पूंजी निवेश किया था।
कृषि क्षेत्र का हो जाएगा व्यवसायीकरण
जहां कभी सिर्फ खेती होती थी, अब वहां की भूमि कई उपयोगों में आ सकेगी। जानकारों के मुताबिक इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण की कवायद तेज होने के साथ ही अब आस-पास की कृषि भूमि का व्यावसायिक और आवासीय उपयोग भी शुरू हो जाएगा।
होटल, रेस्टोरेंट, पार्किंग स्थल, स्पोर्ट्स एकेडमी, रिटेल और होटल हब जैसी संरचनाएं उभरेंगी। युवाओं के लिए नौकरी और स्वरोजगार के नए रास्ते खुलेंगे। इससे कृषि पर निर्भरता घटेगी, और सेवा क्षेत्र में वृद्धि होगी।स्कूल, कालेज, और कई अन्य संस्थान इस क्षेत्र की ओर आकर्षित होंगे।
सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन
इंटरनेशनल मैचों और आयोजनों से इस क्षेत्र समेत पूरे गोरखपुर को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी। खेल संस्कृति का विकास होगा, जिससे बच्चे और युवा क्रिकेट और अन्य खेलों की ओर आकर्षित होंगे। स्थानीय व्यापारियों और उद्यमियों को नए व्यापारिक अवसर मिलेंगे।
तीन साल पहले मुख्यमंत्री ने दिया दायरा बढ़ाने का सुझाव
गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने वर्ष 2020 में अपना दायरा बढ़ाया था जिसके बाद अब प्राधिकरण की सीमा में 233 नए राजस्व गांव जुड़ने के साथ ही कुल राजस्व गांवों की संख्या 319 हो गई है। इसके साथ ही सीमा विस्तार में पीपीगंज, मुंडेरा बाजार (चौरी चौरा) और पिपराइच नगर पंचायतें भी शामिल हो गई हैं।
इस सीमा विस्तार के करीब दो साल बाद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जीडीए को चारों दिशाओं में अपनी सीमा और बढ़ाने का निर्देश दिया था ताकि शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से हो रहे अनियोजित विकास को रोका जा सके।
उन्होंने पूरब में चौरी चौरा, पश्चिम में खजनी, उत्तर में कैंपियरगंज और दक्षिण में बांसगांव तक सीमा विस्तार करने का सुझाव दिया था। हालांकि संसाधनों के अभाव आदि वजहों प्राधिकरण इस दिशा में कदम नहीं बढ़ा सका। लेकिन, अब जबकि ताल नदौर में इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की आधारशिला पड़ने जा रही है तो कम से कम इस क्षेत्र में तो सुनियोजित विकास के लिए प्राधिकरण को अपना दायरा बढ़ाना पड़ेगा।